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आज का पञ्चांग,दिन सोमवार, दिनांक  07/10/2024


                  🌞सुप्रभातम🌞 

      ⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️

       दिनांक:-07/10/2024 , सोमवार


कलियुगाब्द........................5126

विक्रम संवत्.......................2081

शक संवत्...........................1946

रवि..............................दक्षिणायन

मास....................................अश्विन

पक्ष.....................................शुक्ल

तिथी..................................चतुर्थी

प्रातः 09.46 पर्यंत पश्चात पंचमी

सूर्योदय.......प्रातः 06.20.15 पर

सूर्यास्त........संध्या 06.08.57 पर

सूर्य राशि.............................कन्या

चन्द्र राशि..........................वृश्चिक

गुरु राशि..............................वृषभ

नक्षत्र...............................अनुराधा

रात्रि 02.16 पर्यंत पश्चात ज्येष्ठा

योग......................................प्रीती

प्रातः 06.38 पर्यंत पश्चात आयुष्मान

करण....................................विष्टि

प्रातः 09.46 पर्यंत पश्चात बव

ऋतु..............................(इष) शरद

दिन....................................सोमवार


🇬🇧 आंग्ल मतानुसार :-

07 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।


⚜️  अभिजीत मुहूर्त :-

दोप 11.50 से 12.37 तक ।


👁‍🗨 राहुकाल :-

प्रात: 07.51 से 09.19 तक ।


🌞 उदय लग्न मुहूर्त :-

कन्या

04:55:56 07:06:33

तुला

07:06:33 09:21:13

वृश्चिक

09:21:13 11:37:23

धनु

11:37:23 13:43:00

मकर

13:43:00 15:30:06

कुम्भ

15:30:06 17:03:39

मीन

17:03:39 18:34:51

मेष

18:34:51 20:15:36

वृषभ

20:15:36 22:14:15

मिथुन

22:14:15 24:27:57

कर्क

24:27:57 26:44:07

सिंह

26:44:07 28:55:56


🚦 दिशाशूल :-

पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें । 


☸ शुभ अंक....................7

🔯 शुभ रंग..................सफ़ेद


✡ चौघडिया :-

प्रात: 06.23 से 07.50 तक अमृत

प्रात: 09.18 से 10.45 तक शुभ

दोप. 01.40 से 03.08 तक चंचल

अप. 03.08 से 04.36 तक लाभ

सायं 04.36 से 06.03 तक अमृत

सायं 06.03 से 07.36 तक चंचल


📿  आज का मंत्र :-

॥ ॐ गोविन्दाय नमः ॥


📢 संस्कृत सुभाषितानि :-

श्रीमद्भगवतगीता (नवमोऽध्यायः -  राजविद्याराजगुह्ययोग:) -

यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत् ।

यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम् ॥९- २७॥

अर्थात :

हे अर्जुन! तू जो कर्म करता है, जो खाता है, जो हवन करता है, जो दान देता है और जो तप करता है, वह सब मेरे अर्पण कर॥27॥ 


🍃 आरोग्यं :-

अनार (दाड़िम) के औषधीय अनुप्रयोग :-

1. नाक से रक्त गिरना :

खट्टे मिठे अनारदाने का रस 10 तोले में मिश्री 2 तोले मिलाकर रोज दोपहर को पिलाते रहने से गर्मी के दिनों में नाक का रक्तस्त्राव बंद हो जाता है |


2. भोजन में अरुचि :

बुखार के बाद की अरुचि हेतु अनार का रस 1 - 1  तोले मुहं में रख कर चलाकर धीरे धीरे दिन में 8 से 10 बार लेने से मुहं का स्वाद सुधर जाता है, अरुचि समाप्त होती है |


3. सुखी खांसी :

छोटे बच्चों में सुखी खांसी होने पर अनार के फूल या फल की छाल का चूर्ण शहद में मिलकर चटावे | बच्चो के अतिरिक्त सभी बड़े अनार के छिलके के टुकड़े मुहं में रखकर रस चूसते रहे |


⚜ आज का राशिफल :-


🐏 राशि फलादेश मेष :-

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

आज विद्यार्थी वर्ग सफलता अर्जित करेगा। पठन-पाठन में मन लगेगा। दूर यात्रा की योजना बन सकती है। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। वरिष्ठजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। बेचैनी रहेगी। धनार्जन सुगम होगा।


🐂 राशि फलादेश वृष :-

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के व्यवहार से क्लेश हो सकता है। तनाव रहेगा।


👫 राशि फलादेश मिथुन :-

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय के स्रोतों में वृद्धि हो सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। चोट व रोग से बाधा संभव है। फालतू खर्च होगा। मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। आज शत्रु नतमस्तक होंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रयास सफल रहेंगे। जल्दबाजी न करें।


🦀 राशि फलादेश कर्क :-

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज धन लेन-देन में सावधानी रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार में तनाव रह सकता है। शुभ समाचार मिलेंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ मनोरंजन का कार्यक्रम बन सकता है। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें।


🦁 राशि फलादेश सिंह :-

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।


💁‍♀️ राशि फलादेश कन्या :-

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। किसी विवाद में उलझ सकते हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम न उठाएं। घर-बाहर असहयोग मिलेगा। अपेक्षाकृत कार्यों में विलंब होगा। आय में कमी हो सकती है।


⚖ राशि फलादेश तुला :-

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। बेचैनी रहेगी। थकान महसूस होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे।


🦂 राशि फलादेश वृश्चिक :-

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

नई आर्थिक नीति बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। कारोबारी अनुबंधों में वृद्धि हो सकती है। समय का लाभ लें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। कानूनी बाधा आ सकती है। विवाद न करें।


🏹 राशि फलादेश धनु :-

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

आज धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुख के साधनों पर व्यय हो सकता है। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रमाद न करें। बेचैनी रहेगी। चोट व रोग से बचें। काम का विरोध होगा। तनाव रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल होंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी।


🐊 राशि फलादेश मकर :-

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद से क्लेश संभव है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। अपेक्षित कार्यों में अप्रत्याशित बाधा आ सकती है। तनाव रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। राज्य के प्रतिनिधि सहयोग करेंगे।


🏺 राशि फलादेश कुंभ :-

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मातहतों से संबंध सुधरेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। ससुराल पक्ष में कष्ट, भय तथा चिता व बेचैनी का वातावरण अचानक बन सकता है।


🐠  राशि फलादेश मीन :-

(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज रोजगार में वृद्धि होगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। अपरिचितों पर अधिक विश्वास न करें। प्रमाद न करें। किसी भी कार्य में जल्दबाजी न करें। कुबुद्धि हावी रहने से मन अशांत रहेगा। माता का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। भूमि, भवन, दुकान व फैक्टरी आदि के खरीदने की योजना बनेगी।


☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।


।। 🐚  शुभम भवतु 🐚 ।।

 

🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय



You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtube.com/shorts/xqc6820XshI?si=3BPhBlfPj8-AJ3Bo

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


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🚩🚩भारत माता की जय🚩🚩

   आज का पञ्चांग,दिन,रविवार,दिनांक 06/10/2024,


 
                   ।। 🕉 ।।
       🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
📜««« आज का पञ्चांग »»»📜
 दिन  रविवार,दिनांक 06/10/2024,



कलियुगाब्द.........................5126

विक्रम संवत्........................2081

शक संवत्...........................1946

मास...................................अश्विन

पक्ष.....................................शुक्ल

तिथी..................................तृतीया

प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात चतुर्थी

रवि...............................दक्षिणायन

सूर्योदय .............प्रातः 06.20.10 पर

सूर्यास्त................संध्या 06.09.38 पर

सूर्य राशि.............................कन्या

चन्द्र राशि.............................तुला

गुरु राशि.............................वृषभ

नक्षत्र..............................विशाखा

रात्रि 12.02 पर्यंत पश्चात अनुराधा

योग.....................................प्रीती

दुसरे दिन प्रातः 06.38 पर्यंत पश्चात आयुष्मान

करण...................................गरज

प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात वणिज

ऋतु............................(इष) शरद

दिन...................................रविवार


🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*

06 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।


☸ शुभ अंक.........................6

🔯 शुभ रंग.........................नीला


👁‍🗨 *अभिजीत मुहूर्त :-*

दोप 11.51 से 12.37 तक ।


👁‍🗨*राहुकाल :-*

संध्या 05.37 से 06.05 तक ।


🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*कन्या*

04:59:52 07:10:31

*तुला*

07:10:31 09:25:10

*वृश्चिक*

09:25:10 11:41:20

*धनु*

11:41:20 13:46:56

*मकर*

13:46:56 15:34:03

*कुम्भ*

15:34:03 17:07:36

*मीन*

17:07:36 18:38:48

*मेष*

18:38:48 20:19:32

*वृषभ*

20:19:32 22:18:12

*मिथुन*

22:18:12 24:31:54

*कर्क*

24:31:54 26:48:04

*सिंह*

26:48:04 28:59:52


🚦 *दिशाशूल :-*

पश्चिमदिशा - यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें । 


✡ *चौघडिया :-*

प्रात: 07.50 से 09.18 तक चंचल

प्रात: 09.18 से 10.45 तक लाभ

प्रात: 10.45 से 12.13 तक अमृत

दोप. 01.41 से 03.09 तक शुभ

सायं 06.04 से 07.36 तक शुभ

संध्या 07.36 से 09.09 तक अमृत

रात्रि 09.09 से 10.41 तक चंचल । 


💮 *आज का मंत्रः*

॥ ॐ आदित्याय नम: ॥


 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (नवमोऽध्यायः -  राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*

पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो मे भक्त्या प्रयच्छति ।

तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मनः ॥९- २६॥

अर्थात :

जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उस शुद्धबुद्धि निष्काम प्रेमी भक्त का प्रेमपूर्वक अर्पण किया हुआ वह पत्र-पुष्पादि मैं सगुणरूप से प्रकट होकर प्रीतिसहित खाता हूँ॥26॥ 


🍃 *आरोग्यं सलाह :-*

*सौंठ के औषधीय अनुप्रयोग :*


1. जुकाम :

6 माशे सौंठ को 1 तोला घी में भुने, फिर 2 तोले गुड का शरबत बनाकर पका लेवे | शीतल होने पर सुबह ले लेने से जुकाम, कफ और बुखार दूर होता है |


2. सिरदर्द :

ठंड के कारण से उत्पन्न सिरदर्द पर सौंठ को जल में घिसकर कपाल और कनपटी पर लेप करे |


3. अर्श :

बवासीर के रोग में सौंठ का चूर्ण, गुड के साथ लेवे, साथ में भोजन में नीम्बू, दही आदि अम्लरस लेते रहे तो कब्ज नहीं होगा, रक्त नहीं गिरेगा और मस्से का त्रास नहीं होगा |


⚜ *आज का राशिफल :-*


🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*

आज मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।


🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*

स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।


👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*

पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।


🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*

आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें। घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी।


🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*

आज धन पाने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।


👩‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*

*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*

दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।


⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*

अपनी उत्तेजना पर नियंत्रण रखें, विवाद न करें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें।


🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*

आय में निश्चितता रहेगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे।


🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*

बाहरी यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।


🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*

नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी।


🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*

कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। दूसरे के काम में दखल न दें।


🐟 *राशि फलादेश मीन :-*

*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*

व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। जोखिम न लें।


☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*


।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

 *भारत माता की जय*  🚩🚩




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1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/RwbixOslOhI

2. Youtube:  B I News
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भारत माता की जय


               

आज का पंचांग,दिन,शनिवार,दिनांक  05/10/2024

               *|| 🕉️ ||*

          *🌞सुप्रभातम🌞

           * आज का पंचांग*

दिन-शनिवार, दिनांक  05/10/2024



कलियुगाब्द.........................5126
विक्रम संवत्........................2081
शक संवत्...........................1946
मास....................................अश्विन
पक्ष.....................................शुक्ल
तिथी..................................तृतीया
दुसरे दिन प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात चतुर्थी
रवि..............................दक्षिणायन
सूर्योदय ..........प्रातः 06.20.00 पर
सूर्यास्त...........संध्या 06.10.57 पर
सूर्य राशि..............................कन्या
चन्द्र राशि..............................तुला
गुरु राशी...............................वृषभ
नक्षत्र...................................स्वाति
रात्रि 09.25 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग.................................विष्कुम्भ
दुसरे दिन प्रातः 06.07 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण.................................तैतिल
संध्या 06.40 पर्यंत पश्चात गरज
ऋतु.............................(इष) शरद
दिन...................................शनिवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
05 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।

☸ शुभ अंक..........................5
🔯 शुभ रंग.........................नीला

⚜️  *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.51 से 12.38 तक ।

👁‍🗨 *राहुकाल :-*
प्रात: 09.19 से 10.46 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त -*
*कन्या*
05:03:49 07:14:28
*तुला*
07:14:28 09:29:07
*वृश्चिक*
09:29:07 11:45:17
*धनु*
11:45:17 13:50:53
*मकर*
13:50:53 15:37:59
*कुम्भ*
15:37:59 17:11:32
*मीन*
17:11:32 18:42:44
*मेष*
18:42:44 20:23:29
*वृषभ*
20:23:29 22:22:08
*मिथुन*
22:22:08 24:35:50
*कर्क*
24:35:50 26:52:01
*सिंह*
26:52:01 29:03:49

🚦 *दिशाशूल :-*
पूर्व दिशा - यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें । 

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.50 से 09.18 तक शुभ
दोप. 12.14 से 01.41 तक चर
दोप. 01.41 से 03.09 तक लाभ
दोप. 03.09 से 04.37 तक अमृत
संध्या 06.05 से 07.37 तक लाभ
रात्रि 09.09 से 10.42 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र :-*
।। ॐ मर्कटाय नम: ।।

📢 *संस्कृत सुभाषितानि -*
*श्रीमद्भगवतगीता (राजविद्याराजगुह्ययोग:) -*
यान्ति देवव्रता देवान्पितॄन् यान्ति पितृव्रताः ।
भूतानि यान्ति भूतेज्या यान्ति मद्याजिनोऽपि माम् ॥९- २५॥
अर्थात :
देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं, पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते हैं, भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते हैं और मेरा पूजन करने वाले भक्त मुझको ही प्राप्त होते हैं। इसीलिए मेरे भक्तों का पुनर्जन्म नहीं होता ॥25॥ 

🍃 *आरोग्यं सलाह :-*
*अजवायन के औषधीय प्रयोग :-*

*1. जीर्ण मलावरोध :* रात्रि को सोते समय 2-2 माशा अजवायन चबाकर खिलाने से सुबह दस्त साफ़ आ जाते है |

*2. उदरकृमि :* बच्चों में पेट के कीड़े होने पर दिन में 3 बार 2 से 4 रत्ती सदी अजवायन खिलने से छोटे बड़े सभी कीड़े नष्ट हो जाते है |

*3. कफस्त्राव :* कफ अधिक गिरता हो, दुर्गन्ध हो और बार बार खांसी चलती हो तो अजवायन के फूल 1 - 1 रत्ती घी और शहद के साथ दिन में 3 बार देने से कफोत्पत्ति कम होती है |

⚜ *आज का राशिफल :-* 

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
आज स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि तथा उन्नति मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टनरों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा। यात्रा की योजना बनेगी। घर-बाहर कुछ तनाव रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
आज पार्टी-पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। काम में मन लगेगा। शेयर मार्केट में लाभ रहेगा। नौकरी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। धन प्राप्ति सुगमता से होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। लाभ होगा। दु:खद सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। अपने काम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। भूले-बिसरे साथी तथा मेहमानों के स्वागत-सम्मान पर धन का व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
घर-बाहर प्रसन्नतादायक वातावरण रहेगा। नौकरी में चैन महसूस होगा। व्यापार से संतुष्टि रहेगी। संतान की चिंता रहेगी। प्रतिद्वंद्वी तथा शत्रु हानि पहुंचा सकते हैं। मित्रों का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा की योजना बनेगी। प्रसन्नता रहेगी।

👩‍🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
यात्रा मनोनुकूल मनोरंजक तथा लाभप्रद रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। घर-बाहर सफलता प्राप्त होगी। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। काम में लगन तथा उत्साह बने रहेंगे। मित्रों के साथ प्रसन्नतापूर्वक समय बीतेगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
आय में निश्चितता रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। आज स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। बनते कामों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जीवनसाथी से सामंजस्य बैठाएं। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। बेवजह लोगों से मनमुटाव हो सकता है। बेकार की बातों पर ध्यान न दें। जल्दबाजी न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
नई योजना लागू करने का श्रेष्ठ समय है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। बड़ा कार्य करने का मन बनेगा। सफलता के साधन जुटेंगे। जोखिम न उठाएं।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
किसी जानकार प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होने के योग हैं। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। किसी राजनयिक का सहयोग मिल सकता है। लाभ के दरवाजे खुलेंगे। चोट व दुर्घटना से बचें। व्यस्तता रहेगी। थकान व कमजोरी महसूस होगी। विवाद से बचें। धन प्राप्ति होगी। प्रमाद न करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
हितैषी सहयोग करेंगे। धनार्जन संभव है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चोट व दुर्घटना से बचें। आय में कमी रह सकती है। घर-बाहर असहयोग व अशांति का वातावरण रहेगा। अपनी बात लोगों को समझा नहीं पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
आज व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नए लोगों से संपर्क होगा। आय में वृद्धि होगी। आरोग्य अच्छा रहेगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होगी। नौकरी में लाभ की स्थिति बनेगी। परिवार के लोग अनुकूल व्यवहार करेंगे। चिंता में कमी होगी। जल्दबाजी न करें।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय*  🚩🚩


🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

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1. Youtube:  ग्रह वाणी   
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2. Youtube:  B I News
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भारत माता की जय


अगर हैं आप किराएदार? तो जानिए अपने अधिकार

अगर हैं आप किराएदार? तो जानिए अपने अधिकार

असल में दूसरे शहर या गांव से आने वाले लोग किराएदार के तौर पर किसी के घर पर पैसे दे कर रहते हैं। इसमें मकान मालिक के साथ अच्छे संबंध भी बन जाते हैं, कई बार किसी बात को लेकर दोनों पक्ष में मतभेद भी हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि अगर आप किराएदार हैं तो आप अपने सारे अधिकार से जागरूक रहें। कानून की मदद लेने से लेकर आपके साथ होने वाले उल्लंघन के लिए अपने हक में आवाज भी उठा सकते हैं।

किराएदार के कई अधिकार  हैं, इनमें ये शामिल हैं:

इन सुविधाओं में बिजली, पानी, गैस, और पार्किंग की जगह शामिल हो सकती है। सुरक्षा का अधिकार: किराएदार को संपत्ति पर सुरक्षा का अधिकारहै। यह सुरक्षा आग, चोरी, और अन्य आपात स्थितियों से सुरक्षा प्रदान करना चाहिए। निजी जीवन का अधिकार: किराएदार को अपनी निजी जिंदगी का अधिकार है।
किरायेदारों के कुछ अधिकार ये हैं:
किरायेदार को बिना किसी वैध वजह के बेदखल नहीं किया जा सकता. 

किरायेदार को ज़रूरी रखरखाव सेवाएं मिलनी चाहिए. 

किरायेदार को अपने घर में निजता का अधिकार है. 

किरायेदार को किराए समझौते के नवीनीकरण को अस्वीकार करने का अधिकार है.

किरायेदार को रसीद मिलनी चाहिए. 

किरायेदार को नोटिस अवधि मिलनी चाहिए. 

किरायेदार को दी गई सुरक्षा जमा राशि का अधिकार है. 

किरायेदार के कानूनी उत्तराधिकारी भी किरायेदार के अधिकारों के हकदार होते हैं. 

किरायेदार को बिजली, पानी, गैस, और पार्किंग की सुविधा मिलनी चाहिए. 
किरायेदार को संपत्ति पर सुरक्षा मिलनी चाहिए. 

किरायेदार को जमानत राशि के तौर पर दो महीने से ज़्यादा किराया नहीं देना होता. 

किरायेदार को मकान छोड़ने के एक महीने के अंदर जमानत राशि वापस मिलनी चाहिए. 

किराया बढ़ाने से पहले मकान मालिक को किरायेदार को कम से कम तीन महीने पहले नोटिस देना होता है. 
किरायेदारों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए कई कानून हैं। इन कानूनों में मकान मालिक और किरायेदार अधिनियम (1988) और किरायेदार के अधिकार अधिनियम (1974) शामिल हैं।

किराएदार के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है तो कैसे लें कानूनी मदद?

अगर आपका मानना है कि बतौर किराएदार आपके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो आपको सबसे पहले मकान मालिक से बात करने का प्रयास करना चाहिए। अगर मकान मालिक आपके अधिकारों का उल्लंघन करना बंद नहीं करता है, तो आपको कानूनी मदद लेने पर विचार करना चाहिए।

कानूनी मदद लेने के कई तरीके हैं। आप एक वकील से सलाह ले सकते हैं, किसी किरायेदार यूनियन से संपर्क कर सकते हैं, या एक निःशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी की तलाश कर सकते हैं।

एक वकील से सलाह लेने से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि आपके अधिकारों का उल्लंघन कैसे किया जा रहा है और आप क्या कर सकते हैं। एक किरायेदार यूनियन आपके अधिकारों की रक्षा में आपकी मदद कर सकता है और कानूनी सहायता प्रदान कर सकता है। एक निःशुल्क कानूनी सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी आपको कानूनी सहायता प्रदान कर सकती है अगर आपके पास एक वकील को नियुक्त करने के लिए पैसे नहीं है।

अगर आप कानूनी मदद लेने का निर्णय लेते हैं, तो आपको कुछ दस्तावेज तैयार करने होंगे, जैसे कि एक पत्र जिसमें आप मकान मालिक को अपने अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए सूचित करते हैं और एक समझौता अगर आप मकान मालिक के साथ बातचीत करना चाहते हैं।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि किरायेदारों के अधिकार कानून द्वारा संरक्षित हैं। यदि आपका मानना है कि आपके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो आपको कानूनी मदद लेने से डरना नहीं चाहिए।

क्या है किरायेदार के हित में कानूनी नियम?

भारत में सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक, मकान मालिक से बेदखली का नोटिस यानी Eviction notice लिए बिना किरायेदार को नहीं निकाल सकते हैं। यानी इसमें किसी किरायेदार को खबर किए बिना नहीं निकाला जा सकता है। इसकी एक नियत अवधि होनी चाहिए। इसमें किसी भी मकान मालिक के जरिए से 1872 का भारतीय अनुबंध अधिनियम में किरायेदारों को नोटिस के बिना मनमानी या अनुचित बेदखली से बचाता है। इसमें उचित किराये के अधिकार, अगर मकान मालिक मकान किराये पर देते समय असाधारण मात्रा में किराया वसूलता है तो उस पर कार्रवाई हो सकती है।

निजता का अधिकार, इसमें किराएदार को अपनी रहने वाली संपत्ति में निजता का अधिकार देता है। किसी भी किरायेदार के मकान में मकान मालिक बिना किराएदार के इजाजत के दखल नहीं दे सकता है। इसमें बिना किसी बाधा के जीने का अधिकार भी लागू होता है। 

मुआवजा का अधिकार, मकान मालिकों को सूचना का अधिकार और किराया नियंत्रण अधिनियम 1948 के तहत कई अधिकार उपलब्ध हैं। इसमें मरम्मत का भी अधिकार मिलता है।

किरायेदारों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए और यदि उन्हें लगता है कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है तो कानूनी मदद लेनी चाहिए।

अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ भी सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए www.newsbin24.com  से जुड़े रहें।

जानिए क्या है महिमा कानपुर के इन प्रसिद्ध मन्दिरों की

जानिए क्या है महिमा कानपुर के इन प्रसिद्ध मन्दिरों की

जानिए, कानपुर स्थित  मॉ तपेश्वरी देवी, मॉ बारह देवी, मॉ जंगली देवी की महिमा

मॉ तपेश्वरी देवी मन्दिर

मां तपेश्वरी मंदिर में कानपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों की अटूट श्रद्धा है, मंदिर के बारे में लोग कहते हैं कि, मां सीता पर अयोध्या में उठ रहे सवालों के बाद जब भगवान श्रीराम ने मां का त्याग किया था तो वह काफी दिनों तक मां बिठूर के आश्रम में रहीं थीं. जहां लव और कुश का जन्म हुआ .उसके बाद मां सीता ने लव-कुश का मुंडन संस्कार यहीं पर कराया था.

त्रेता युग से जुड़ा मंदिर का इतिहास

सैकड़ों साल पुराने इस ऐतिहासिक मां तपेश्वरी मंदिर के बारे में कहा जाता है कि त्रेता युग में मां तपेश्वरी देवी प्रकट हुईं थीं. इस मंदिर की मान्यता मां के शक्तिपीठों से है. मान्यता ये भी है कि यहां पर मां के सामने शीश झुकाने और अखंड ज्योत जलाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. नवरात्रि के मौके पर मां तपेश्वरी मंदिर की गलियों में मां के जयकारों की गूंज के साथ भक्तों की असीम आस्था दिखाई पड़ती है. इस दौरान मंदिर में बहुतायत मात्रा में लोग मुंडन संस्कार कराते हुए भी नजर आते हैं. कानपुर के बिरहाना रोड स्थित पटकापुर की तंग गलियों में मां के मंदिर की अनूठी छटा देखने को मिलती है.

वहां कभी गंगा की धारा बहती थी और घना जंगल हुआ करता था। मां तपेश्वरी के दर्शन से कष्टों का निवारण होता है।मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां अखंड ज्योति जलाते हैं भगवती उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं। यहां लखनऊ, रायबरेली, फर्रुखाबाद आदि जिलों से आकर मां के दर्शन करते हैं और मां के दरबार में अखंड ज्योति जलाते हैं। बच्चों का यहां मुंडन भी होता है। मां के 108 नामों का जप नवरात्र में करना चाहिए। मां के नामों का जप करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की कामना पूरी होती है। 

माता सीता ने यहीं कराया था लव-कुश का मुंडन संस्कार!

मां तपेश्वरी मंदिर का इतिहास  जब लंका पर विजय के बाद भगवान राम अयोध्या पहुंचे तो धोबी के ताना मारने पर मां सीता को उन्होंने त्याग दिया था। लक्ष्मण जी जानकी जी को लेकर ब्रह्मावर्त स्थित वाल्मीकि आश्रम के पास छोड़ गए थे। आज जहां तपेश्वरी माता मंदिर स्थित है तब वहां घना जंगल था और मां गंगा वहीं से बहती थीं। सीता जी ने तब यहां पुत्र की कामना के लिए तप किया था। भगवती सीता के तप से ही तपेश्वरी माता का प्राकट्य हुआ था। लव कुश के जन्म के बाद सीता जी ने मां के समक्ष ही दोनों पुत्रों का मुंडन कराया था।

मंदिर जाने का रास्ता सेंट्रल स्टेशन से घंटाघर, नयागंज होते हुए बिरहाना रोड। घंटाघर से एक्सप्रेस रोड, मालरोड, बिरहाना रोड पहुंचा जा सकता है। रावतपुर से बड़ा चौराहा, मालरोड होते हुए भी मंदिर पहुंच सकते हैं। मंदिर के पुजारी शिवमंगल बताते हैं कि मां सब पर कृपा करती हैं। मां तपेश्वरी के दर्शन पूजन से समस्त कष्टों का निवारण होता है। इस लिए मां के दर्शन को दूर दराज से लोग आते हैं।

मॉ बारह देवी मन्दिर

कानुपर दक्षिण में प्रसिद्ध बारा देवी माता का मंदिर स्थित है। पूरे साल यहां लोगों का जमघट लगा रहता है। नवरात्रि में इस मंदिर में भारी भीड़ होती है। इस मंदिर का इतिहास लगभग 1700 साल पुराना बताया जाता है। मंदिर के पुजारी दीपक बताते हैं कि, पिता से हुई अनबन और उनके कोप से बचने के लिए घर से एक साथ 12 सगी बहनें घर से भाग गईं थीं। सारी बहनें कानपुर के किदवई नगर में स्वत: मूर्ति बनकर स्थापित हो गईं। कई सालों के बाद यही 12 बहनें बारादेवी नाम से प्रसिद्ध हो गईं।


नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है। देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखनी को मिल रही है। कानपुर में भी कई चमत्कारिक और रहस्यमयी देवी मंदिर स्थित हैं। कानपुर के दक्षिण में स्थित बारा देवी का मंदिर प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर के इतिहास के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दे पाता है। बता दें कि, कानपुर और उसके आस- पास के जिलों में रहने वाले लोगों की इस मंदिर में गहरी आस्था जुड़ी हुई है।

बता दें कि नवरात्रि के दिनों में हजारों की संख्या में रोज भक्त माता के दर्शन करने के लिए आते रहते हैं। माता बारा देवी के दरबार में भक्त लाल चुनरी बांधते हैं और मन्नत पूरी हो जाने पर उसे खोल कर ले जाते हैं। इस मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए बेहद खतरनाक तरीके से करतब भी दिखाते रहते हैं। कोई मुंह से आग के गोले निकालता हुआ दिखाई देगा तो कोई नुकीली धातु को गालों के आर-पार कर देने की कला दिखाता रहता है।

मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुरानामिली जानकारी के अनुसार मंदिर के इतिहास के बारे में अब तक कोई भी पुख्ता जानकारी तो नहीं मिल सकी है। मंदिर के पुजारी और आसपास के लोगों का कहना है कि, एक बार एएसआई की टीम मंदिर के सर्वेक्षण के लिए आई हुई थी। उन्होंने मंदिर का सर्वेक्षण कर बताया कि, मूर्ति लगभग 15 से 17 सौ साल पुरानी है। बता दें कि बारा देवी मंदिर को यूपी के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी है।

जानिए क्या है 12 बहनों की कहानी

मंदिर के पुजारी दीपक बताते हैं कि, पिता से हुई अनबन और उनके कोप से बचने के लिए घर से एक साथ 12 सगी बहनें घर से भाग गईं थीं। सारी बहनें कानपुर के किदवई नगर में स्वत: मूर्ति बनकर स्थापित हो गईं। कई सालों के बाद यही 12 बहनें बारादेवी नाम से प्रसिद्ध हो गईं। बताया जाता है कि, बहनों के श्राप देने की वजह से उनके पिता भी पत्थर के रूप में हो गए। इस मंदिर के आस-पास के इलाकों के नाम भी बारा देवी के नाम पर ही रख दिए गए हैं।

मॉ जंगली देवी मन्दिर   कानपुर में जंगली देवी मंदिर में इस वक्त भक्तों का तांता लगा हुआ है. वैसे तो पूरे साल यहां भक्त आते हैं पर नवरात्र में यहां का महत्व और बढ़ जाता है. इससे मंदिर से जुड़ीं कई अनोखी मान्यताएं हैं. कहते हैं कि यहां पर जो भी भक्त ईंट रखकर मुराद मांगता है माता उसकी सारी मुरादें पूरी करती हैं. इतना ही नहीं ये भी कह जाता है कि मूर्ति के पीछे बनी नाली में ईट रखने के बाद उस ईट को निर्माणाधीन मकान में लगाने से तरक्की होती है और घर का काम जल्दी निपट जाता है.

इस मंदिर का बहुत ही प्राचीनतम इतिहास है, घने जंगल के बीचोबीच स्थित होने से ये स्थान जंगली देवी मंदिर के नाम से विख्यात हो गया. मंदिर में माता की मूर्ति के साथ भी एक मान्यता जुड़ी हुई है कहा जाता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ माता के चेहरे को निहारता है, उसको मनोकामना पूरी होने का संकेत मां की मूर्ति से ही मिल जाता है. मंदिर कमिटी के अध्यक्ष के मुताबिक माता जी प्रतिमा के सामने जो भक्त पूरी आस्था के साथ चेहरे को निहारता है तो प्रतिमा का रंग धीरे-धीरे गुलाबी होने लगता है तो समझो मनोकामना पूरी हो गई.

           किदवई नगर स्थित जंगली देवी मंदिर का इतिहास बहुत ही रोचक है. लोगों का कहना है कि जिस स्थान पर जंगली देवी का मंदिर बना है, 838 ईसवी में वहां पर राजा भोज का राज था. राजा भोज ने बगाही क्षेत्र में एक विशाल मंदिर बनवाया था. लेकिन राजशाही समाप्त होने के बाद सब कुछ नष्ट हो गया. 17 मार्च सन 1925 में मोहम्मद बकर अपने घर के निर्माण के लिए खुदाई करा रहे थे उसी दौरान उनको एक ताम्रपत्र मिला था, जिस पर विक्रम संवत 893 अंकित था. ताम्रपत्र देखने के लिए पूरा गांव जमा हो गया था. बाद में मोहम्मद बकर ताम्र पत्र को पुरातत्व विभाग को सौप दिया था. 

     मंदिर के प्रबंधक डीपी बाजपाई के मुताबिक क्षेत्रीय लोगों के प्रयास से ताम्रपत्र को वापस लाया गया और एक तालाब के किनारे नीम के पेड़ के नीचे रख दिया गया और वहां एक छोटा सा मंदिर बना दिया गया. मंदिर के पास लोग जाने में डरते थे क्योंकि मंदिर के पास बने तालाब में जंगली जानवर पानी पीते आते थे. समय के साथ धीरे-धीरे तालाब सूख गया और आबादी बढ़ने लगी, लोग यहां पर पूजा करने आने लगे. साधू संतों ने अपना डेरा जमा लिया. इसके बाद आपसी सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया.

      मंदिर की विशेषता बताते हुए राजा सिंह कहते है कि इस मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था है. यहां पर एक और हैरान कर देने वाली चीज है जो भक्तों को यहां तक खींच लाती है. जंगली देवी मंदिर में सन 1980 से अखंड ज्योति जल रही है. जो भी भक्त अखंड ज्योति जलाने में योगदान देता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जिस भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है उसके बाद अगले भक्त के दिए हुए घी से अखंड ज्योति जलाई जाती है. मंदिर के नियमित दर्शन करने वाले भक्त रामशंकर के मुताबिक प्रतिमा पर चढ़ाए गए जल और नारियल का पानी प्रतिमा के पीछे बनी नाली से होकर गुजरता है. जो भक्त वहां पर ईट रखता है और कुछ दिन बाद वही ईट अपने निर्माणाधीन मकान में लगाता है तो छोटा सा मकान भी बहुत जल्द बड़ा हो जाता है. उन्होंने कहा यह सब माता जी की कृपा से मुमकिन है.

     भक्त किरण के मुताबिक पिछले दस साल से माता के मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं. उनकी अनुकम्पा से सभी बिगड़े काम बनते चले जा रहे हैं. ऐसे बहुत से श्रद्धालु हैं जिनकी दर्शन मात्र से मनोकामनाएं पूरी हो रही हैं.

    प्रसिद्ध इतिहासकार रामकृष्ण अवस्थी के मुताबिक इस ताम्रपत्र पर अंकित लिपि इस इस बात की और इशारा करती है कि यह लगभग 1200 वर्ष से अधिक प्राचीन है. यह ताम्रपत्र राजा भोज के समय का है. इस ताम्रपत्र को मंदिर में स्थापित कराया गया था जहां इस वक्त यह विशाल मंदिर बना हुआ है.

मॉ बुद्धा मन्दिर  कानपुर के मूलगंज में स्थित मां बुद्धा देवी मंदिर भी बेहद प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिरों में से एक है. नवरात्र में इस मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है यह मंदिर गलियों में बसा हुआ है इसके बावजूद दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में माता के चरणों से निकले नीर को आंखों में लगाने से आंखों के सारे रोग दूर हो जाते हैं. वहीं, यह देश का ऐसा इकलौता मंदिर है. जहां पर माता को तरह-तरह की कच्ची सब्जियों का भोग लगाया जाता है.

काली मठिया मंदिर  कानपुर के शास्त्री नगर में स्थित काली मठिया मंदिर भी बेहद प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक है. यह काली माता का सबसे बड़ा सिद्ध मंदिर है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में 41 दिनों तक आरती में शामिल होता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. नवरात्र में इस मंदिर में बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है. यह मंदिर लगभग 200 साल पुराना है. इस मंदिर को लेकर कहानी है कि एक गाय यहां पर रोज आकर अपना दूध छोड़ देती थी. जब यहां पर खुदाई कराई गई तब यह माता की मूर्ति यहां से निकली. इसके बाद यहां पर माता के मंदिर का निर्माण कराया गया.


मां भवानी के इन 108 नाम जपें और पाएं समृद्धि

-सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चण्डघण्टा, महातपा :, मन: , बुद्धि : मां दुर्गा का नाम है।

-अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति:, सर्वमन्त्रमयी, सत्ता, सत्यानन्दस्वरूपिणी, अनन्ता, भाविनी, भाव्या, भव्या, अभव्या, सदागति:, शाम्भवी, देवमाता, चिन्ता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या के नाम से भी मां जानी जाती हैं।

-दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरीधाना, कलमंजीररंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी भी मां के नाम हैं।

-ऐन्द्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुण्डा , वाराही, लक्ष्मी: , पुरुषाकृति:, विमला, उत्कर्षिणी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रेमा, सर्ववाहनवाहना, निशुम्भशुम्भहननी भगवती का नाम है।

-महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहन्त्री, चण्डमुण्डविनाशिनी, सर्वासुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी भगवती का नाम है।

-कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति:, अप्रौढा, प्रौढा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि:, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली नाम भी भगवती दुर्गा का है।

-विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदूती, कराली, अनन्ता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा व ब्रह्मवादिनी नाम से भी भगवती की स्तुति होती है।

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