October 2024

                

आज का पंचांग,दिन,गुरुवार,दिनांक 31/10/2024

 

              *|| 🕉️ ||*

           *🌞सुप्रभातम🌞* 

            *आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 31/10/2024, गुरुवार*


कलियुगाब्द.......................5126

विक्रम संवत्......................2081

शक संवत्.........................1946

मास................................कार्तिक

पक्ष....................................कृष्ण

तिथी..............................चतुर्दशी

दोप 03.51 पर्यंत पश्चात अमावस्या

रवि............................दक्षिणायन

सूर्योदय.......प्रातः 06.31.04 पर

सूर्यास्त........संध्या 05.49.55 पर

सूर्य राशि............................तुला

चन्द्र राशि..........................कन्या

गुरु राशि............................वृषभ

नक्षत्र.................................चित्रा

रात्रि 12.37 पर्यंत पश्चात स्वाति

योग..............................विष्कुम्भ

प्रातः 09.49 पर्यंत पश्चात प्रीती

करण................................शकुन

दोप 03.51 पर्यंत पश्चात चतुष्पद

ऋतु...........................(उर्ज) शरद

दिन.................................गुरुवार


🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :--*

31 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।


तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-

दीपावली या दीवाली अर्थात "प्रकाश का त्योहार" शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातनी हिंदू त्योहार है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।

दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों 'दीप' अर्थात 'दिया' व 'आवली' अर्थात 'लाइन' या 'श्रृंखला' के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।


*दीपावली से जुड़ी 10 प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं...*

1. लक्ष्मी अवतरण - कार्तिक मास  की अमावस्या तिथि‍ को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं। दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है। इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि‍ मां का आगमन हो।

2. भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना - इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था। 

3. भगवान राम की विजय - रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था।

4 नरकासुर वध - भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्र‍ियों को इसी दिन मुक्त करवाया था। इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया।

5  पांडवों की वापसी - महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी।

6. विक्रमादित्य का राजतिलक - राजा विक्रमादित्य के राजतिलक का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दि‍वाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं।


विशेष : पंच पर्वा दीपोत्सव पर अमावस्या का निर्णय ज्योतिश्चार्यों के द्वारा विभिन्न विधियों के द्वारा शोधा जाता है... कहीं आज तो कहीं कल 01 नवम्बर को दीपोत्सव मनाया जायेंगा... आप अपने गुरूजी अथवा पुरोहित से मार्गदर्शन प्राप्त कर माता महालक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन अर्चन करें... अमावस्या का समस्त दिवस माता महालक्ष्मी की पूजा के है अतः अपनी कुलपरंपरा के अनुरूप पूजा करे, कतिपय सोशल मीडिया वीडियो माता महालक्ष्मी को चंचला बतलाकर माता की आरती करने से मना कर रहे है, ऐसा कुछ भी ना करे जो आपके परंपरागत पूजन क्रम को बाधित करता हो, आनंद से माता महालक्ष्मी का यथा संभव उपचारों से पूजन आरती भोग सेवा करे माता महालक्ष्मी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे ।


कार्तिक अमावस्या की पूजा अमा तिथि प्रदोष, स्थिर वृषभ लग्न एवं निशीथ काल मे श्रेस्यकर है अतः चतुर्दशी बीतने पर दोप 03.51 पर्यन्त मान्य होगी... परंतु पंचपर्वा दीपोत्सव में प्रातःकाल से ही पूजन विधि मान्य होगी...




मुहूर्त :


कलम दवात संवारने एवं कार्यालय/व्यवसाय/निवास स्थान पर श्रीपुजन दीपदान का :


प्रात: 10.45 से 12.09 तक चंचल वेला

दोप. 12.09 से 01.33 तक लाभ वेला

दोप. 01.33 से 02.57 तक अमृत वेला

सायं 04.20 से 05.44 तक शुभ वेला

सायं 05.44 से 07.20 तक अमृत वेला




अभिजित वेला :


प्रातः 11.47 से 12.32 तक  ।




गोधूलि प्रदोष वेला :


संध्या 05.41 से 08.09 पर्यन्त।




स्थिर संज्ञक लग्न वेला :


दोप  01.55 से 03.29 पर्यन्त - कुम्भ लग्न


सायं 06.40 से 08.39 पर्यन्त - वृषभ लग्न (श्रेष्ठ)


रात्रि 01.09 से 03.21 पर्यन्त - सिंह लग्न (कनकधारा स्तोत्र से विशेष श्रीकारक पूजा)


👁‍🗨 *राहुकाल :-*

दोपहर 01.33 से 02.57 तक ।


🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*तुला*

05:31:59 07:46:32

*वृश्चिक*

07:46:32 10:02:46

*धनु*

10:02:46 12:08:23

*मकर*

12:08:23 13:55:29

*कुम्भ*

13:55:29 15:29:02

*मीन*

15:29:02 17:00:14

*मेष*

17:00:14 18:40:59

*वृषभ*

18:40:59 20:39:38

*मिथुन*

20:39:38 22:53:20

*कर्क*

22:53:20 25:09:30

*सिंह*

25:09:30 27:21:19

*कन्या*

27:21:19 29:31:59


🚦 *दिशाशूल :-*

दक्षिणदिशा - यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।


☸ शुभ अंक.......................4

🔯 शुभ रंग.......................पीला


📿 *आज का मंत्र :-*

॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥


॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥


*महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-*

॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥


📢 *सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः - विभूतियोग:) -*

सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव ।

न हि ते भगवन्व्यक्तिं  विदुर्देवा न दानवाः ॥१०- १४॥

अर्थात :

हे केशव! जो कुछ भी मेरे प्रति आप कहते हैं, इस सबको मैं सत्य मानता हूँ। हे भगवन्‌! आपके लीलामय स्वरूप को न तो दानव जानते हैं और न देवता ही॥14॥


🍃 *आरोग्यं :-*

*पटाखों से हाथ जलने पर तुरंत उपचार -*

*फर्स्ट एड ट्रीटमेंट -*

दिवाली के दिन पटाखों से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जरूरी है कि आप अपना फर्स्ट एड बॉक्स बिल्कुल तैयार रखें जिससे आप तुरंत उपचार की दिशा में कोई प्रभावी कदम उठा सकें।


*कपड़े और एसेसरीज -*

पटाखे से जलने पर बहुत जरूरी है कि उस हिस्से से कपड़े या एसेसरीज को तुरंत हटाएं। किसी भी प्रकार का कपड़ा, अंगूठी, बेल्ट, जूता ऐसी स्थिति में हानिकारक हो सकता है।


*जले को तुरंत ठंडक पहुँचाएं -*

जलने की स्थिति में तुरंत आराम के लिए सबसे पहले जले हुए हिस्से को ठंडक पहुंचाएं। उस हिस्से को नल के नीचे रखें जब तक दर्द का एहसास थोड़ा कम न हो। या फिर आप वहां बर्फ, मक्खन और ठंडे पाने में भिगोए कपड़े से भी सेंक सकते हैं। इससे भी तुरंत आराम मिलेगा।


*कवर करें -*

जला हुआ हिस्सा जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो 15-20 मिनट बाद उसपर कोई ऑइनमेंट क्रीम लगाएं और उसे साफ व सूखे कपड़े या बैंडेज से कवर करें।


*आंखों को ऐसे दें राहत -*

अगर आंखों में कोई चिंगारी चली जाए या पटाखे से जल जाए तो तुरंत आंखों को पानी से साफ करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप कॉन्टैक्ट लेन्स पहनते हैं तो आंखों को पानी से साफ करने के पहले लेन्स हटाना न भूलें।


*जब कपड़ों में आग लग जाए -*

अगर पटाखे जलाते वक्त कपड़ों में आग लग जाए तो तुरंत जमीन पर खुद को रोल करें जिससे तुरंत आग बुझ सके। इसके बाद जैकेट या कंबल से व्यक्ति को पूरी तरह कवर करना चाहिए और डॉक्टर को दिखाएँ।


*घरेलू उपचार -*

छोटे घाव को ठीक करने के लिए उसपर नारियल का तेल, नीम का तेल, एलोवेरा या शहद लगाने से भी तुरंत आराम मिलता है। लेकिन घाव को समय रहते डॉक्टर से दिखाने में कोई बुराई नहीं।


⚜ *आज का राशिफल :-*


🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। आप पत्नी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। घरेलू विवादों से दूर रहें। कुबुद्धि हावी रहेगी, कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी।


🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है।


👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। समय का अपव्यय होगा। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश होगा। काम में मन नहीं लगेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।


🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।


🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।


👧 *राशि फलादेश कन्या :-*

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी। व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।


⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा।


🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।


🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।


🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी।


🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी।


 *राशि फलादेश मीन :-*

(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।


☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*


*आप सभी को दीपोत्सव की मंगल बधाई...*


।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।


🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय*  🚩🚩


You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/5YoPweRnUNU

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
भारत माता की जय


              

आज का पंचांग दिन बुधवार दिनांक 30/10/2024

                    ।। 🕉️ ।। 
        🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
   📜««« आज का पंचांग »»»📜
 📜«««दिनाँक:- 30/10/2024»»»📜
📜««««««दिन बुधवार»»»»»»📜


कलियुगाब्द........................5126
विक्रम संवत्.......................2081
शक संवत्...........................1946
रवि.............................दक्षिणायन
मास.................................कार्तिक
पक्ष....................................कृष्ण
तिथी.............................त्रयोदशी
दोप 01.15 पर्यंत पश्चात चतुर्दशी
सूर्योदय ...प्रातः 06.30.19 पर
सूर्यास्त ...संध्या 05.50.26 पर
सूर्य राशि............................तुला
चन्द्र राशि..........................कन्या
गुरु राशि............................वृषभ
नक्षत्र..................................हस्त
रात्रि 09.37 पर्यंत पश्चात चित्रा 
योग.................................वैधृति
प्रातः 08.40 पर्यंत पश्चात विष्कुम्भ
करण..............................वणिज
दोप 01.15 पर्यंत पश्चात विष्टि
ऋतु...........................(उर्ज) शरद
दिन.................................बुधवार

💮 *आंग्ल मतानुसार* :-
30 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।

*तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
*रूप चतुर्दशी पर्व :-*
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी आती है। इस दिन सौंदर्य रूप श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसा करने से भगवान सुंदरता देते हैं। इस दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। यह त्यौहार नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी या नर्का पूजा के नाम से भी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। शाम को दीपदान की प्रथा है जिसे यमराज के लिए किया जाता है। दीपावली को एक दिन का पर्व कहना न्योचित नहीं होगा। इस पर्व का जो महत्व और महात्मय है उस दृष्टि से भी यह काफी महत्वपूर्ण पर्व व हिन्दुओं का त्यौहार है। यह पांच पर्वों की श्रृंखला के मध्य में रहने वाला त्यौहार है जैसे मंत्री समुदाय के बीच राजा।
इसी दिन कृष्ण ने एक दैत्य नरकासुर का संहार किया था। सूर्योदय से पूर्व उठकर, स्नानादि से निपट कर यमराज का तर्पण करके तीन अंजलि जल अर्पित करने का विधान है। संध्या के समय दीपक जलाए जाते हैं। मान्‍यताओं के अनुसार, नरकासुर एक अधर्मी राजा था जिसने कई राजाओं, ब्राह्मणों और कन्‍याओं को बंदी बनाया हुआ था। उसके अधर्मी कृत्‍यों से देवता भी परेशान थे। लेकिन उसे वरदान था की उसकी मृत्‍यु उसी के हाथ होगी जो उस समय अपनी पत्‍नी के साथ होगा। इस पर देवताओं के आह्वान पर श्रीकृष्‍ण ने इस असुर का नाश करने का फैसला किया। श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बनाकर नरकासुर का वध किया। वध के बाद नरकासुर का शव जमीन में चला जाता है जिस पर भू माता प्रकट होकर श्री कृष्ण को नरकासुर पूरी कथा बताती हैं।

*काली चौदस का महत्‍व :-*
इस दिन को काली चौदस के रूप में भी मनाया जाता है। इसका अर्थ भी बुराई पर अच्छाई की जीत ही है। इस दिन खासतौर पर महाकाली की पूजा की जाती है। इस दिन आलस और बुराई को हटाकर जिंदगी में सच्चाई की रोशनी की मांग की जाती है।

*रूप चतुर्दशी कथा :-*
रूप चतुर्दशी की कथा के अनुसार एक समय भारत वर्ष में हिरण्यगर्भ नामक नगर में एक योगिराज रहते थे। उन्होंने अपने मन को एकाग्र करके भगवान में लीन होना चाहा। अत: उन्होंने समाधि लगा ली। समाधि लगाए कुछ ही दिन ‍बीते थे कि उनके शरीर में कीड़े पड़ गए। बालों में भी छोटे-छोटे कीड़े लग गए। आंखों की रोओं और भौंहों पर जुएं जम गईं। ऐसी दशा के कारण योगीराज बहुत दुखी रहने लगे। इतने में ही वहां नारदजी घूमते हुए वीणा और करताल बजाते हुए आ गए। तब योगीराज बोले- हे भगवान मैं भगवान के चिंतन में लीन होना चाहता था, परंतु मेरी यह दशा क्यों गई?
तब नारदजी बोले- हे योगीराज! तुम चिंतन करना जानते हो, परंतु देह आचार का पालन नहीं जानते हो। इसलिए तुम्हारी यह दशा हुई है। तब योगीराज ने नारदजी से देह आचार के विषय में पूछा। इस पर नारदजी बोले- देह आचार से अब तुम्हें कोई लाभ नहीं है। पहले जो मैं तुम्हें बताता हूं उसे करना। फिर देह आचार के बारे में बताऊंगा।
थोड़ा रुककर नारदजी ने कहा- इस बार जब कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी आए तो तुम उस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा ध्यान से करना। ऐसा करने से तुम्हारा शरीर पहले जैसा ही स्वस्थ और रूपवान हो जाएगा।
योगीराज ने ऐसा ही किया और उनका शरीर पहले जैसा हो गया। उसी दिन से इसको रूप चतुर्दशी भी कहते हैं।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 12.10 से 01.34 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
05:39:52 07:54:26
*वृश्चिक*
07:54:26 10:10:39
*धनु*
10:10:39 12:16:16
*मकर*
12:16:16 14:03:22
*कुम्भ*
14:03:22 15:36:55
*मीन*
15:36:55 17:08:07
*मेष*
17:08:07 18:48:52
*वृषभ*
18:48:52 20:47:31
*मिथुन*
20:47:31 23:01:13
*कर्क*
23:01:13 25:17:23
*सिंह*
25:17:23 27:29:12
*कन्या*
27:29:12 29:39:52

🚦 *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक........................3
🔯 शुभ रंग..........................हरा

💮 *चौघडिया :-*
प्रात: 07.57 से 09.21 तक अमृत
प्रात: 10.45 से 12.09 तक शुभ
दोप 02.57 से 04.21 तक चंचल
सायं 04.21 से 05.45 तक लाभ
रात्रि 07.21 से 08.57 तक शुभ ।

💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ क्लीं कृष्णाय नम: ।।

 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः - विभूतियोग:) -*
अर्जुन उवाच -
परं ब्रह्म परं धाम पवित्रं परमं भवान् ।
पुरुषं शाश्वतं दिव्यमा- दिदेवमजं विभुम् ॥१०- १२॥ 
आहुस्त्वामृषयः सर्वे देवर्षिर्नारदस्तथा ।
असितो देवलो व्यासः स्वयं चैव ब्रवीषि मे ॥१०- १३॥
अर्थात :
अर्जुन बोले- आप परम ब्रह्म, परम धाम और परम पवित्र हैं, क्योंकि आपको सब ऋषिगण सनातन, दिव्य पुरुष एवं देवों का भी आदिदेव, अजन्मा और सर्वव्यापी कहते हैं। वैसे ही देवर्षि नारद तथा असित और देवल ऋषि तथा महर्षि व्यास भी कहते हैं और आप भी मेरे प्रति कहते हैं॥12-13॥ 

🍃 *आरोग्यं :*-
गले की खराश एवं दर्द से निजात पाने के घरेलू उपाय:

*1. गरम पानी और नमक के गरारे :-*
जब गले में खराश होती है तो सांस झिल्ली की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।

*2. लहसुन :-*
लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा। 

*3. भाप लेना :-*
कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है। 

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। प्रसन्नता तथा संतुष्टि रहेगी। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय में नए प्रयोग किए जा सकते हैं। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। कार्यभार व अधिकार में वृद्धि हो सकती है।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
विवाद को बढ़ावा न दें। बेवजह कहासुनी हो सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकते हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनहानि की आशंका है। व्यापार-व्यवसाय में धीमापन रह सकता है। आय में निश्चितता रहेगी। समय शीघ्र सुधरेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। यात्रा सफल रहेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी दूसरे व्यक्ति के काम में हस्तक्षेप न करें। विवाद होगा।

🦀*राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों व संबंधियों से मुलाकात होगी। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। प्रमाद न करें।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देगा। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

🏻 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। फालतू खर्च होगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। आय में कमी होगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। बेकार बातों पर बिलकुल ध्यान न दें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नया काम मिलेगा। नए अनुबंध होंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। समय की अनुकूलता रहेगी, लाभ लें। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। योजना फलीभूत होगी। किसी योजना का तत्काल लाभ नहीं होगा। धन के निवेश में जल्दबाजी न करें। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके कार्यों में गति आएगी। व्यापार-व्यवसाय में जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। प्रमाद न करें।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
अध्यात्म में रुझान रहेगा। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति लाभदायक बनेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। आसपास का वातावरण सुखद रहेगा। पार्टनरों तथा भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। विवेक का प्रयोग करें। प्रमाद न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। चोट व दुर्घटना से बड़ी हानि की आशंका बनती है, सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। आय बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। धनहानि भी आशंका है।

🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भूमि-भवन व मकान-दुकान इत्यादि की खरीद-फरोख्त मनोनुकूल लाभ देगी। बेरोजगारी दूर होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। चारों तरफ से सफलता मिलेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। उत्साह बना रहेगा। चिंता तथा तनाव कम होंगे।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩






You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/5YoPweRnUNU

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय 🇮🇳🇮🇳

                 

आज का पञ्चांग,दिन मंगलवार, दिनांक 29/10/2024


                  🌞सुप्रभातम🌞 

      ⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️

       दिनांक:- 29/10/2024, मंगलवार


.                 ।। *🕉️* ।। 

    🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩

📜««« *आज का पंचांग* »»»📜

कलियुगाब्द........................5126

विक्रम संवत्.......................2081

शक संवत्.........................1946

रवि............................दक्षिणायन

मास...............................कार्तिक

पक्ष...................................कृष्ण

तिथी...............................द्वादशी

प्रातः 10.32 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी

सूर्योदय.............प्रातः 06.30.16 पर

सूर्यास्त ............संध्या 05.50.35 पर

सूर्य राशि............................तुला

चन्द्र राशि..........................कन्या

गुरु राशि...........................वृषभ

नक्षत्र.....................उत्तराफाल्गुनी

संध्या 06.28 पर्यंत पश्चात हस्त

योग....................................इंद्र

प्रातः 07.37 पर्यंत पश्चात वैधृति

करण...............................तैतिल

प्रातः 10.32 पर्यंत पश्चात गरज

ऋतु..........................(उर्ज) शरद

दिन.............................मंगलवार


🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-

29 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।


🕉️ *तिथि विशेष -धन त्रयोदशी पर्व :-*

धनतेरस दीपावली पञ्चपर्वा उत्सव अंतर्गत मनाई जाती है | जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं. देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली के पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें

कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का प्राकट्य हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है. धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था. भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है. कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है. इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं. दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं.


*धनवंतरी जयंती :-*

*आविर्बभूव कलशं दधदर्णवाद्यः पियूषपूर्णममरत्व कृते सुराणाम |*

*रुग्जालजीर्ण जनता जनित प्रशंसो, धन्वन्तरिः सभगवान भविकाय भूयात ||*


धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है। भगवन धन्वन्तरी को भगवान विष्णु का रूप कहते हैं जिनकी चार भुजायें हैं। उपर की दोंनों भुजाओं में शंख और चक्र धारण किये हुये हैं। जबकि दो अन्य भुजाओं मे से एक में जलूका और औषध तथा दूसरे मे अमृत कलश लिये हुये हैं। इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है। इसीलिये धनतेरस को पीतल आदि के बर्तन खरीदने की परम्परा भी है।


*विशिष्ठ प्रयोग :-*

1. धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है ।

2. संध्या के समय घर के मुख्य द्वार के बाहर एक पात्र में अन्न (खील/चावल) रखकर उसके ऊपर तिल्ली के तेल का चौमुखा दीपक (यमराज की निमित्त) जलाकर दक्षिणाभिमुख होकर उसका यथेष्ठ उपचार पूजन करे ।

पूजन का मन्त्र :

मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।

त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।


धनत्रयोदशी :: 

*धनवंतरि पूजन, नूतन वाहन क्रय, स्वर्ण रजत क्रय, यंत्रादि क्रय, आभूषण इत्यादि* 


मुहूर्त :


प्रात: 10.45 से 12.09 तक लाभ

दोप. 12.09 से 01.33 तक अमृत

दोप. 02.57 से 04.21 तक शुभ

रात्रि 07.21 से 08.57 तक लाभ 


बहीखाता निर्माण, आनयन मुहूर्त, गादी स्थापन, कुबेर पूजन :

सायं प्रदोष वेला |


*यम दीपदान एवं श्रीपुजन -*

संध्या 06.48 से 08.47 पर्यन्त


⚜️ *अभिजीत मुहूर्त* :-

दोप 11.47 से 12.32 तक ।


👁‍🗨 *राहुकाल* :-

दोप 02.58 से 04.22 तक ।


☸ शुभ अंक....................1

🔯 शुभ रंग....................लाल


🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*तुला*

05:39:52 07:54:26

*वृश्चिक*

07:54:26 10:10:39

*धनु*

10:10:39 12:16:16

*मकर*

12:16:16 14:03:22

*कुम्भ*

14:03:22 15:36:55

*मीन*

15:36:55 17:08:07

*मेष*

17:08:07 18:48:52

*वृषभ*

18:48:52 20:47:31

*मिथुन*

20:47:31 23:01:13

*कर्क*

23:01:13 25:17:23

*सिंह*

25:17:23 27:29:12

*कन्या*

27:29:12 29:39:52


🚦 *दिशाशूल* :-

उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।


✡ *चौघडिया* :-

प्रात: 09.21 से 10.45 तक चंचल

प्रात: 10.45 से 12.09 तक लाभ

दोप. 12.09 से 01.33 तक अमृत

दोप. 02.57 से 04.21 तक शुभ

रात्रि 07.21 से 08.57 तक लाभ । 


📿 *आज का मंत्र* :-

॥ ॐ धन्वन्तरये नमः॥


|| ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: नमः ||


ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय सर्व आमय विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्रीमहाविष्णुवे नम: ||


*|| धन्वन्तरी स्तोत्रम् ||*

ॐ शङ्खं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमम्भोजनेत्रम्॥

कालाम्भोदोज्ज्वलाङ्गं कटितटविलसच्चारूपीताम्बराढ्यम्।

वन्दे धन्वन्तरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम्॥


📢 *संस्कृत सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः - विभूतियोग:) -*

तेषामेवानुकम्पार्थ- महमज्ञानजं तमः ।

नाशयाम्यात्मभावस्थो ज्ञानदीपेन भास्वता ॥१०- ११॥

अर्थात :

 हे अर्जुन! उनके ऊपर अनुग्रह करने के लिए उनके अंतःकरण में स्थित हुआ मैं स्वयं ही उनके अज्ञानजनित अंधकार को प्रकाशमय तत्त्वज्ञानरूप दीपक के द्वारा नष्ट कर देता हूँ॥11॥ 


🍃 *आरोग्यं :*-

गाजर खाने के फायदे :-

1)गाजर का जूस हमारे शरीर में विटामिन A की कमी को दूर करता है | इसकी कमी से आँखों की बीमारियाँ, त्वचा में सूखापन, बालों का टूटना, नाख़ून खराब होना आदि होतें हैं | विटामिन A हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है |


2) गाजर का जूस हमारी आँखों की रौशनी को बढ़ाता है|


3) जिन लोगो की प्रजनन प्रणाली में कमी होती है उन लोगो के लिए ये गाजर का जूस बहुत ही फायदेमंद होता है|


4) चिकित्सा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गाजर फेफड़ो के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के खतरे को कम करता है। 


⚜ *आज का राशिफल :-*


🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। नए विचार दिमाग में आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।


🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। दूसरे आपसे अधिक की अपेक्षा करेंगे व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।


👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। लाभ होगा।


🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। आलस्य हावी रहेगा। प्रमाद न करें। विवेक का प्रयोग करें।


🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में अधिकार वृद्धि हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। निवेश मनोनकूल रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण बनेगा। किसी कार्य के प्रति चिंता रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है।


💁‍♀️  *राशि फलादेश कन्या :-*

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। विवाद से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। माता को पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं। व्यवसाय ठीक चलेगा, लेकिन धन के मामले में सावधान रहें। आय में निश्चितता रहेगा।


⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कोई बड़ा काम करने की इच्‍छा जागृत होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। प्रमाद न करें।


🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में जल्दबाजी न करें। थकान रहेगी। किसी कार्य की चिंता रहेगी।


🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें।


🏹 *राशि फलादेश मकर :-*

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

यात्रा में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पुराना रोग उभर सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। हंसी-मजाक में हल्कापन न हो, ध्यान रखें। कीमती वस्तुएं इधर-उधर हो सकती हैं, संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।


*राशि फलादेश कुंभ :-*

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज धनहानि की आशंका बन रही है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यापार व व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


🐠  *राशि फलादेश मीन :-*

स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्य में राहत मिलेगी। चिंता दूर होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा।


☯ *आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |*


।। 🐚  *शुभम भवतु* 🐚 ।।


आप सभी को *पंचप्रदीप दीपोत्सव* के प्रथम आयाम *"धन त्रयोदशी"* की *अनंत मंगल बधाई....*

 

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

 



🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩





You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtube.com/shorts/xqc6820XshI?si=3BPhBlfPj8-AJ3Bo

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:- Like & Share 

                     
🚩🚩भारत माता की जय🚩🚩

मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न, जब इस तरह की पूजा में लगायेंगे मन

मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न, जब इस तरह की पूजा में लगायेंगे मन

दिवाली के त्यौहार में सबसे ज्यादा महत्व लक्ष्मी जी के पूजन का होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधि विधान के साथ करने से घर में सुख समृद्धि सदैव बनी रहती है और कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगा. इस दिन प्रदोष काल 31 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 18 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 52 मिनट तक रहेगा.


दिवाली 2024 चौघड़िया मुहूर्त

दिवाली के दिन अमृत का चौघड़िया शाम 5 बजकर 27 मिनट से लेकर 7 बजकर 3 मिनट तक रहेगा. इसके बाद चर चौघड़िया का मुहूर्त 7 बजकर 3 मिनट से रात 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.

दिवाली 2024 महानिशिथ काल मुहूर्त

दिवाली के दिन महानिशिथ काल रात 11 बजकर 15 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 12 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. इस दौरान अमावस्या और महानिशिथ काल का पूर्ण संयोग रहेगा. दिवाली में महानिशिथ काल का खास महत्व है.

दिवाली 2024 पूजन साम्रगी

दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए.

प्रकाश का ये पर्व मुख्य रूप से लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के लिए ख़ास माना जाता है। इस साल दिवाली 12नवंबर को पड़ेगी और इस दिन यदि आप विधि-विधान के साथ पूजन करेंगी तो ये आपके जीवन में समृद्धि के मार्ग खुल जाएंगे और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी होगी। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस दिन किस विधि से किया गया पूजन फलदायी होता है।
  • दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है। उनके पूजन के लिए सबसे पहले आप पूजा स्थान को साफ़ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • चौकी पर लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति स्थापित करें। यदि संभव हो तो नई मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें और गणेश जी के दाहिनी तरफ माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
  • इनके साथ भगवान कुबेर, मां सरस्वती और कलश की भी स्थापना करनी चाहिए।
  • पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कें और चौकी पर भी थोड़ा गंगाजल डालें। हाथ में लाल या पीले फूल लेकर गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र - ऊँ गं गणपतये नम:का जाप करें।
  • सर्वप्रथम आपको गणेश जी के मंत्रों का जाप और पूजन करना चाहिए।
  • भगवान गणपति का पूजन 'गजाननम् भूत भू गणादि सेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपाद पंकजम्। इस मंत्र का जाप करें।
  • गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें मुख्य रूप से दूर्वा तथा मोदक अर्पित करें।
  • माता लक्ष्मी का पूजन (वास्तु के अनुसार करें दिवाली की पूजा) भी भगवान गणपति के साथ करें उसके लिए माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी के श्री सूक्त मंत्र का पाठ करें। इनके साथ आप धन कुबेर और मां सरस्वती का पूजन करें।
  • लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन करने के बाद मां काली का पूजन भी रात्रि में किया जाता है।
  • पूजन के बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी की आरती करें और भोग अर्पित करें।
  • आरती के आबाद भोग परिवार जनों में वितरित करें।
  • लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन के बाद दीये प्रज्वलित करें। सबसे पहले आप लक्ष्मी जी के सामने 5 या 7 घी के दीये प्रज्वलित करें।
इनके साथ-साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, मां काली और कुबेर की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. पूजा करते समय 11 छोटे दीप और एक बड़ा दीप जलाना चाहिए.

दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणपति का पूजन किया जाता है, जिसका विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से यदि पूजन नहीं किया जाए तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। दरअसल इसके पीछे की मान्यता है कि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं और उनकी पूजा से धन तथा ऐश्वर्य मिलता है।

दिवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन होता है और इस दिन धन की देवी को प्रसन्न करने से समृद्धि का आशीष मिलता है। जो लोग माता लक्ष्मी की इस दिन पूजा करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ति होती है और उनके जीवन से कभी भी धन और ऐश्वर्य कम नहीं होता है।

गणपति को प्रथम पूजनीय होने का वरदान प्राप्त है और उन्हें बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है, ऐसी मान्यता है कि हिंदुओं में किसी भी पूजन को सम्पूर्ण तभी माना जाता है जब गणपति का पूजन सबसे पहले होता है। दिवाली के दिन गणपति के पूजन से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है और बुद्धि के देवता अपने भक्तों को सद्बुद्धि का वरदान देते हैं।

लोग इस दिन माता लक्ष्मी जी के साथ गणपति की पूजा इसलिए करते हैं जिससे वो अपने धन का इस्तेमाल सही जगह और सामर्थ्य अनुसार कर पाएं। लोग इसी प्रार्थना के साथ दीपावली पर गणपति की पूजा करते हैं कि उन्हें सद्बुद्धि का आशीष मिले। 

यदि आप दिवाली के दिन साफ़ और स्वच्छ मन मस्तिष्क से पूजन करेंगी तो आपके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

 

दिवाली पर रंगों से सजाना चाहती हैं घर, लेकिन नहीं आता रंगोली बनाना? इन आसान टिप्स से करें प्रैक्टिस

नहीं आता रंगोली बनाना कोई बात नहीं ? इन आसान टिप्स से करें प्रैक्टिस,तब आप भी सजा सकेंगे अपना घर


दिवाली इस साल 31 अक्टूबर को है। इस मौके पर अगर आप अपने घर के आंगन को खूबसूरत रंगोली से सजाना चाहती हैं, लेकिन आपको डिजाइन बनाना नहीं आता है, तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में रंगोली बनाने की टिप्स बताते हैं।

दिवाली, हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस साल यह खास पर्व 31 अक्टूबर, दिन गुरूवार को है। दिवाली बहुत बड़ा त्योहार होता है, जिसकी तैयारियों में लोग 10-15 दिनों पहले से ही लग जाते हैं। साफ-सफाई हो या फिर घर का डेरोरेशन हर कुछ के लिए पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

दिवाली का त्योहार दीया-लाइट और रंगोली के बिना अधूरा सा लगता है। लोग इस दिन अपने घरों में तरह-तरह की रंगोली त्योहार को और भी खूबसूरत बनाते हैं। कई महिलाएं दिवाली के अवसर घर में रंगोली तो बनाना चाहती हैं, लेकिन उन्हें डिजाइन बनाना नहीं आता है। इसके कारण महिलाओं को बाजार में मिलने वाली रेडीमेड रंगोली खरीदनी पड़ती है।

अगर आप भी इस दिवाली रंगोली बनाना चाहती हैं और आपको डिजाइन बनाने में दिक्कत होती है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आज हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से आप खूबसूरत रंगोली बना सकती हैं। इसके लिए अभी से प्रैक्टिस कर सकती हैं।

दिवाली पर खूबसूरत रंगोली कैसे बनाएं?

थाली पर डिजाइन बनाकर करें प्रैक्टिस

अगर आप इस दिवाली अपने घर में खूबसूरत रंगोली बनाना चाहती हैं, तो आप इससे पहले एक थाली पर प्रैक्टिस कर सकती हैं। इसपर छोटी सी रंगोली डिजाइन बनाकर इसे अपनी पसंद के रंगों से भर दें। आप इसके लिए इंटरनेट से या किसी किताब से रंगोली के डिजाइन देख सकती हैं। इस तरह एक-दो दिन थाली में छोटी रंगोली बनाकर आप प्रैक्टिस कर सकती हैं।

सिंपल रंगोली डिजाइन से करें शुरुआत


अगर आप पहली बार रंगोली बना रही हैं, तो सरल डिजाइन से ही शुरुआत करें। जैसे कि डॉट्स, लाइन्स या फिर सिंपल पैटर्न की रंगोली बनाएं। इंटरनेट पर आपको लाखो डिजाइन आसान से लेकर मुश्किल डिजाइन वाली रंगोली दिख जाएंगी। यहां से आप मदद ले सकती हैं।

रंगोली हमेशा छोटे डिजाइन से शुरू करें

रंगोली बनाते समय हमेशा छोटे डिजाइन से शुरुआत करने की कोशिश करें। धीरे-धीरे बड़े डिजाइन की ओर बढ़ना सही तरीका होता है। ऐसे में, पहले रंगोली के बीच का डिजाइन तैयार करें और फिर इसे जगह के हिसाब से बढ़ाकर बड़ा कर सकती हैं। इसे सजाने के लिए अगर आपके पास रंग नहीं है तो आप फूल और पत्तियों का इस्तेमाल कर सकती हैं।

Author Name

NEWSBIN24

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.