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आज का पंचांग दिन शुक्रवार दिनांक 23/05/2025

                    ।। 🕉️ ।। 
        🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
   📜««« आज का पंचांग »»»📜
 📜«««दिनाँक:- 23/05/2025»»»📜
📜««««««दिन शुक्रवार »»»📜


   .                *|| 🕉️ ||*
         *🌞 सुप्रभातम 🌞* 
          *आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 23/05/2025, शुक्रवार*
*एकादशी, कृष्ण पक्ष,*
*ज्येष्ठ*
(समाप्ति काल)

तिथि-------- एकादशी 22:29:17      तक 
पक्ष------------------------ कृष्ण
नक्षत्र--------- उo भाo 16:01:32
योग-------------- प्रीति 18:35:34
करण-------------- बव 11:54:17
करण---------- बालव 22:29:17
वार---------------------- शुक्रवार
माह------------------------ ज्येष्ठ
चन्द्र राशि------------------   मीन
सूर्य राशि-----------------    वृषभ
रितु------------------------ ग्रीष्म
आयन------------------ उत्तरायण
संवत्सर----------------- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)-------------- सिद्धार्थी
विक्रम संवत--------------- 2082 
गुजराती संवत-------------- 2081 
शक संवत------------------ 1947 
कलि संवत----------------- 5126
सूर्योदय-------------- 05:27:55
सूर्यास्त--------------- 19:04:19
दिन काल------------ 13:36:24
रात्री काल------------ 10:23:13
चंद्रास्त-------------- 15:00:55
चंद्रोदय---------------- 26:55:34
लग्न----  वृषभ 7°55' , 37°55'
सूर्य नक्षत्र--------------- कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र--------- उत्तरा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया------------------- ताम्र 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

झ---- उत्तरा भाद्रपदा 10:30:45

ञ---- उत्तरा भाद्रपदा 16:01:32

दे---- रेवती 21:30:30

दो---- रेवती 26:57:43

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
============================
सूर्य=  वृषभ 07°49,       कृतिका   4       ए 
चन्द्र= मीन 10°30 ,       उ o भा o 3    झ 
बुध =मेष 29°52 '           कृतिका   1     अ 
शु क्र= मीन 22°05,        रेवती     2      दो 
मंगल=कर्क 22°30 '   आश्लेषा'      2     डू 
गुरु=मिथुन  01°30   मृगशिरा,      3      का 
शनि=मीन 05°88 '    उ o भा o  , 1       दू 
राहू=(व) मीन 29°50 पू o भा o,     3    दा 
केतु= (व)कन्या 29°50  उ oफा o 1      टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 10:34 - 12:16 अशुभ
यम घंटा 15:40 - 17:22 अशुभ
गुली काल 07:10 - 08: 52अशुभ 
अभिजित 11:49 - 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 08:11 - 09:06 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:43 - 13:38 अशुभ
वर्ज्यम 26:58* - 28:25* अशुभ
प्रदोष 19:04 - 21:10        शुभ

💮गंड मूल 16:02 -अहोरात्र अशुभ

🚩पंचक ⁴ अहोरात्र         अशुभ

💮चोघडिया, दिन
चर 05:28 - 07:10 शुभ
लाभ 07:10 - 08:52 शुभ
अमृत 08:52 - 10:34 शुभ
काल 10:34 - 12:16 अशुभ
शुभ 12:16 - 13:58 शुभ
रोग 13:58 - 15:40 अशुभ
उद्वेग 15:40 - 17:22 अशुभ
चर 17:22 - 19:04    शुभ

🚩चोघडिया, रात
रोग 19:04 - 20:22 अशुभ
काल 20:22 - 21:40 अशुभ
लाभ 21:40 - 22:58 शुभ
उद्वेग 22:58 - 24:16* अशुभ
शुभ 24:16* - 25:34* शुभ
अमृत 25:34* - 26:52* शुभ
चर 26:52* - 28:10* शुभ
रोग 28:10* - 29:28* अशुभ

💮होरा, दिन
शुक्र 05:28 - 06:36
बुध 06:36 - 07:44
चन्द्र 07:44 - 08:52
शनि 08:52 - 10:00
बृहस्पति 10:00 - 11:08
मंगल 11:08 - 12:16
सूर्य 12:16 - 13:24
शुक्र 13:24 - 14:32
बुध 14:32 - 15:40
चन्द्र 15:40 - 16:48
शनि 16:48 - 17:56
बृहस्पति 17:56 - 19:04

🚩होरा, रात
मंगल 19:04 - 19:56
सूर्य 19:56 - 20:48
शुक्र 20:48 - 21:40
बुध 21:40 - 22:32
चन्द्र 22:32 - 23:24
शनि 23:24 - 24:16
बृहस्पति 24:16* - 25:08
मंगल 25:08* - 25:59
सूर्य 25:59* - 26:52
शुक्र 26:52* - 27:44
बुध 27:44* - 28:36
चन्द्र 28:36* - 29:28

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 
       
वृषभ   > 05:10 से  06:28     तक
मिथुन  > 06:28 से 09:18     तक
कर्क    > 09:18  से 11:32     तक
सिंह    > 11:32  से  13:48    तक
कन्या  > 13:48  से   16:04   तक
तुला   >  16:04  से  18:16    तक
वृश्चिक > 18:16 से  20:40    तक
धनु     > 20:40  से  22:50    तक
मकर   > 22:50 से  00:34     तक
कुम्भ   > 00:34  से  01:54    तक
मीन    > 01:54  से  03:14     तक
मेष     > 03:14  से  05:16     तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान-------------पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 11 + 6 +  1 =  33 ÷ 4 = 1 शेष
 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

   26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 =  1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *अपरा एकादशी व्रत (सर्वेषां)*

*सर्वार्थ,अमृत सिद्धि योग 16:01 से* 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

निविषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा ।
विषमस्तु न चाप्यस्तु घटाटोप भयंकरः ।।
।।चाo नी o।।

  यदि नाग अपना फना खड़ा करे तो भले ही वह जहरीला ना हो तो भी उसका यह करना सामने वाले के मन में डर पैदा करने को पर्याप्त है. यहाँ यह बात कोई माइना नहीं रखती की वह जहरीला है की नहीं.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

अनिष्टमिष्टं मिश्रं च त्रिविधं कर्मणः फलम्‌ ।,
भवत्यत्यागिनां प्रेत्य न तु सन्न्यासिनां क्वचित्‌ ॥,

कर्मफल का त्याग न करने वाले मनुष्यों के कर्मों का तो अच्छा, बुरा और मिला हुआ- ऐसे तीन प्रकार का फल मरने के पश्चात अवश्य होता है, किन्तु कर्मफल का त्याग कर देने वाले मनुष्यों के कर्मों का फल किसी काल में भी नहीं होता॥,12॥,

*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
सही काम का भी विरोध होगा। कोई पुरानी व्याधि परेशानी का कारण बनेगी। कोई बड़ी समस्या बनी रहेगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने के प्रति रुझान रहेगा। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्यों में गति आएगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन बना रहेगा।

🐂वृष
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। चोट व रोग से बचें। सेहत का ध्यान रखें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। झंझटों में न पड़ें। व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी।

👫मिथुन
शत्रुभय रहेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। विवाद से क्लेश होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। ऐश्वर्य के साधनों पर सोच-समझकर खर्च करें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि बाद में पछताना पड़े। दूसरे अधिक अपेक्षा करेंगे। नकारात्मकता हावी रहेगी।

🦀कर्क
प्रतिद्वंद्विता कम होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बात बिगड़ सकती है। शत्रुभय रहेगा। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। स्त्री वर्ग से सहायता प्राप्त होगी। नौकरी व निवेश में इच्छा पूरी होने की संभावना है।

🐅सिंह
भूमि व भवन संबंधी खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आर्थिक उन्नति होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। देनदारी कम होगी। नौकरी में मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट आदि से बड़ा फायदा हो सकता है। परिवार की चिंता बनी रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। झंझटों में न पड़ें।

⚖️तुला
शत्रुओं का पराभव होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। काम पर ध्यान नहीं दे पाएंगे। बेवजह किसी व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। प्रयास अधिक करना पड़ेंगे। दूसरों के बहकावे में न आएं। फालतू बातों पर ध्यान न दें। लाभ में वृद्धि होगी।

🦂वृश्चिक
पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तुएं गुम हो सकती हैं। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की बाधा दूर होगी। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार में वृद्धि तथा सम्मान में वृद्धि होगी।

🏹धनु
किसी भी तरह के विवाद में पड़ने से बचें। जल्दबाजी से हानि होगी। राजभय रहेगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। सही काम का भी विरोध हो सकता है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। निवेश शुभ रहेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें।

🐊मकर
कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में लापरवाही न करें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। शेयर मार्केट से बड़ा लाभ हो सकता है।

🍯कुंभ
मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है या समय पर नहीं मिलेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। यश बढ़ेगा।

🐟मीन
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विवेक से कार्य करें। लाभ में वृद्धि होगी। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ेगी। चिंता रह सकती है। थकान रहेगी। प्रमाद न करें।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩* 







 
You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/5YoPweRnUNU

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय 🇮🇳🇮🇳

विधायक महेश त्रिवेदी के नेतृत्व में ऑप्रेशन सिंदूर में सेना के शौर्य और अजेय पराक्रम हेतु तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें डॉ समरदीप पांडेय अपने क्रांतिवीर सक्रिय कार्यकर्ता के साथ जोर शोर से सहभागिता निभाई

विधायक महेश त्रिवेदी के नेतृत्व में ऑप्रेशन सिंदूर में सेना के शौर्य और अजेय पराक्रम हेतु तिरंगा यात्रा निकाली गई, जिसमें डॉ समरदीप पांडेय अपने क्रांतिवीर सक्रिय कार्यकर्ता के साथ जोर शोर से सहभागिता निभाई

आज ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के शुभ अवसर पर भारत शौर्य तिरंगा यात्रा किदवई नगर विधानसभा विधायक महेश त्रिवेदी जी के नेतृत्व में सीटीआई चौराहा से भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई।

जिसमें भाजपा किसान मोर्चा मंडल महामंत्री डॉक्टर समरदीप पांडेय ने अपने साथियों के साथ बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया। जिसमें भाजपा किसान मोर्चा मंडल महामंत्री डॉक्टर समरदीप पांडेय के साथ उपस्थित रहे। 


भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल त्रिपाठी, वरिष्ठ नेता दिलीप सिंह, वरिष्ठ नेता राजेश श्रीवास्तव, किसान मोर्चा जिला कार्यकारिणी सदस्य अवध बिहारी अवस्थी मंडल अध्यक्ष दीपू पासवान, जिला मंत्री धर्मेंद्र राय, वार्ड अध्यक्ष विनय मालवी, पंडित अमरदीप पांडे, अनूप शुक्ला, उमेश राय, भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता एवं भारतीय जनता के समस्त पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।

जानिए आचार्य जी से वट वृक्ष के बिना कैसे करें वट सावित्री की पूजा?
जानिए चार्य जी से वट वृक्ष के बिना कैसे करें वट सावित्री की पूजा?

कई बार ऐसा होता है कि आप जिस जगह पर रह रही हैं उसके आस-पास कहीं बरगद का पेड़ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए, इसी के बारे में आचार्य दिनेश नारायण पाण्डेय बता रहे हैं...

वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. क्योंकि यह व्रत पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है. इस दिन पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा की जाती है. मान्यता है सावित्री को अपने पति सत्यवान के प्राण वट वृक्ष के नीचे ही मिला था. यही कारण है इस पूजा में बरगद के पेड़ का विशेष महत्व है. वहीं धार्मिक मान्यता अनुसार वट वृक्ष में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आप जिस जगह पर रह रही हैं उसके आस-पास कहीं बरगद का पेड़ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए, इसी के बारे में आचार्य दिनेश नारायण पाण्डेय बता रहे हैं...








बरगद का वृक्ष न हो तो कैसे करें वट सावित्री की पूजा

  • अगर आस-पास बरगद का पेड़ नहीं है तो फिर आप एक दिन पहले कहीं वट वृक्ष ढूंढ लीजिए और उसके नीचे से मिट्टी घर लेकर आएं. अब उस मिट्टी पर सावित्री और सत्यवान तथा भैंसे पर सवार यमराज की प्रतिमा स्थापित कर पूजा कर सकती हैं. 
  • इसके अलावा आप वट वृक्ष की डाली भी लेकर आ सकती हैं जिसमें फल लगे हों.अब इस डाली को किसी गमले में लगा दीजिए और व्रत वाले दिन वट वृक्ष मानकर विधि-विधान के साथ पूजा करें.
  • अगर आपको जहां पर आप रहती हैं वहां पर कहीं भी बरगद का पेड़ नहीं मिला तो फिर आप तुलसी के पौधे के पास बैठकर विधि-विधान के साथ पूजा कर सकती हैं. 

वट सावित्री व्रत कथा - Vat Savitri Vrat katha

मद्र देश के राजा अश्वपति के पुत्री रूप में सर्वगुण संपन्न सावित्री का जन्म हुआ. राजकन्या ने द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान की कीर्ति सुनकर उन्हें पति रूप में वरण कर लिया. यह बात जब त्रऋषिराज नारद को पता चली तो वे अश्वपति से जाकर कहने लगे आपकी कन्या ने वर खोजने में निःसन्देह भारी भूल की है. सत्यवान गुणवान तथा धर्मात्मा भी है, परन्तु वह अल्पायु है और एक वर्ष के बाद ही उसकी मृत्यु हो जायेगी.

नारद की यह बात सुनते ही राजा अश्वपति का चेहरा उदास हो गया. उन्होंने अपनी पुत्री को समझाया कि ऐसे अल्प आयु व्यक्ति के साथ विवाह करना उचित नहीं. इसलिए कोई अन्य वर चुन लो, इस पर सावित्री बोली-पिताजी ! आर्य कन्याएं अपना पति एक बार ही वरण करती हैं. अब चाहे जो भी हो मैं सत्यवान को ही वर स्वरूप स्वीकार करूंगी. सावित्री ने नारद से सत्यवान की मृत्यु का समय मालूम कर लिया था. अन्ततः उन दोनों का विवाह हो गया. वह ससुराल पहुंचते ही सास-ससुर की सेवा में रात-दिन रहने लगी. समय बदला, ससुर का बल क्षीण होता देख शत्रुओं ने राज्य छीन लिया.

नारद का वचन सावित्री को दिन प्रतिदिन अधीर करता रहा. उसने पति के मृत्यु का दिन नजदीक आने से तीन दिन पूर्व से ही उपवास शुरू कर दिया. नारद् द्वारा कथित निश्चित तिथि पर पितरों का पूजन किया. नित्य की भांति उस दिन भी सत्यवान अपने समय पर लकड़ी काटने के लिए जब चला तो सावित्री भी सास-ससुर की आज्ञा लेकर चलने को तैयार हो गई.

सत्यवान वन में पहुंचकर लकड़ी काटने के लिए वृक्ष पर चढ़ा. वृक्ष पर चढ़ने के बाद उसके सिर पर भयंकर पीड़ा होने लगी. वह नीचे उतरा. सावित्री ने उसे बड़ के पेड़ के नीचे लिटाकर उसका सिर अपनी जाघ पर रख लिया. देखते ही देखते यमराज सत्यवान के प्राणों को लेकर चल दिये (कहीं-कहीं ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि वट वृक्ष के नीचे लेटे हुए सत्यवान को सर्प ने डस लिया था) सावित्री सत्यवान को वट वृक्ष के नीचे ही लिटाकर यमराज के पीछे-पीछे चल दी. पीछे आती हुई सावित्री को यमराज ने उसे लौट जाने का आदेश दिया. इस पर वह बोली महाराज जहां पति वहीं पत्नी. यही धर्म है, यही मर्यादा है.

सावित्री की धर्म निष्ठा से प्रसन्न होकर यमराज बोले पति के प्राणों के अतिरिक्त कुछ भी मांग लो. सावित्री ने यमराज से सास-श्वसुर के आंखों की ज्योति और दीर्घायु मांगी. यमराज तथास्तु कहकर आगे बढ़ गए. सावित्री अभी भी यमराज का पीछा करती रही. यमराज ने अपने पीछे आती सावित्री से वापस लौट जाने को कहा तो सावित्री बोली पति के बिना नारी के जीवन की कोई सार्थकता नहीं. यमराज ने सावित्री के पति व्रत धर्म से खुश होकर पुनः वरदान मांगने के लिए कहा. इस बार उसने अपने ससुर का राज्य वापस दिलाने की प्रार्थना की. तथास्तु कहकर यमराज आगे चल दिये. सावित्री अब भी यमराज के पीछे चलती रही. इस बार सावित्री ने यमराज से सौ पुत्रों की मां बनने का वरदान मांगा. तथास्तु कहकर जब यमराज आगे बढ़े तो सावित्री बोली आपने मुझे सौ पुत्रों का वरदान दिया है, पर पति के बिना मैं मां कैसे बन सकती हूं. अपना यह तीसरा वरदान पूरा कीजिए.

सावित्री की धर्मनिष्ठा, ज्ञान, विवेक तथा पतिव्रत धर्म की बात जानकर यमराज ने सत्यवान के प्राणों को अपने पास से स्वतंत्र कर दिया. सावित्री सत्यवान के प्राण को लेकर वट वृक्ष के नीचे पहुंची जहां सत्यवान का मृत शरीर रखा था. सावित्री ने वट वृक्ष की परिक्रमा की तो सत्यवान जीवित हो उठा.

प्रसन्नचित्त सावित्री अपने सास-श्वसुर के पास पहुंची तो उन्हें नेत्र ज्योति प्राप्त हो गई. इसके बाद उनका खोया हुआ राज्य भी उन्हें मिल गया. तभी से वट वृक्ष की पूजा की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. B.I.News (www.newsbin24.com) इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


                                      

आज का पंचांग दिन गुरुवार दिनांक 22/05/2025

                    ।। 🕉️ ।। 
        🚩🌞 सुप्रभातम् 🌞🚩
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*दशमी, कृष्ण पक्ष,*
*ज्येष्ठ* 
(समाप्ति काल)

तिथि----------- दशमी 25:11:43       तक 
पक्ष------------------------ कृष्ण
नक्षत्र---- पूर्वा भाद्रपदा 17:46:27
योग--------- विश्कुम्भ 21:48:19
करण---------- वणिज 14:20:54
करण------- विष्टि भद्र 25:11:43
वार----------------------- गुरूवार
माह------------------------ ज्येष्ठ
चन्द्र राशि-----    कुम्भ 12:07:28
चन्द्र राशि -----------------------   मीन
सूर्य राशि-----------------   वृषभ
रितु-------------------------ग्रीष्म
आयन----------------- उत्तरायण
संवत्सर----------------- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)--------------- सिद्धार्थी
विक्रम संवत---------------- 2082 
गुजराती संवत-------------- 2081 
शक संवत------------------ 1947 
कलि संवत----------------- 5126
सूर्योदय-------------- 05:28:18
सूर्यास्त---------------- 19:03:46
दिन काल------------ 13:35:27
रात्री काल------------- 10:24:08
चंद्रास्त-------------- 13:57:06
चंद्रोदय---------------- 26:21:26
लग्न----   वृषभ 6°57' , 36°57'
सूर्य नक्षत्र--------------- कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र----------- पूर्वा भाद्रपदा
नक्षत्र पाया------------------- ताम्र 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

सो---- पूर्वा भाद्रपदा 06:26:17

दा---- पूर्वा भाद्रपदा 12:07:28

दी---- पूर्वा भाद्रपदा 17:46:27

दू----उत्तरा भाद्रपदा 23:23:17

थ---- उत्तरा भाद्रपदा 28:58:01

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
============================
सूर्य=  वृषभ 06°49,       कृतिका   4       ए 
चन्द्र= कुम्भ 26°30 ,       पूo भा o 2    सो 
बुध =मेष 27°52 '           कृतिका   1     अ 
शु क्र= मीन 21°05,        रेवती     2      दो 
मंगल=कर्क 21°30 '   आश्लेषा'      2     डू 
गुरु=मिथुन  01°30   मृगशिरा,      3      का 
शनि=मीन 05°88 '    उ o भा o  , 1       दू 
राहू=(व) मीन 29°52 पू o भा o,     3    दा 
केतु= (व)कन्या 29°52  उ oफा o 1      टे
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 13:58 - 15:40 अशुभ
यम घंटा 05:28 - 07:10 अशुभ
गुली काल 08:52 - 10: 34अशुभ 
अभिजित 11:49 - 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 10:00 - 10:54 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:26 - 16:21 अशुभ
वर्ज्यम 26:44* - 28:14* अशुभ
प्रदोष 19:04 - 21:10       शुभ

🚩पंचक         अहोरात्र        अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:28 - 07:10 शुभ
रोग 07:10 - 08:52 अशुभ
उद्वेग 08:52 - 10:34 अशुभ
चर 10:34 - 12:16 शुभ
लाभ 12:16 - 13:58 शुभ
अमृत 13:58 - 15:40 शुभ
काल 15:40 - 17:22 अशुभ
शुभ 17:22 - 19:04 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 19:04 - 20:22 शुभ
चर 20:22 - 21:40 शुभ
रोग 21:40 - 22:58 अशुभ
काल 22:58 - 24:16* अशुभ
लाभ 24:16* - 25:34* शुभ
उद्वेग 25:34* - 26:52* अशुभ
शुभ 26:52* - 28:10* शुभ
अमृत 28:10* - 29:28* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 05:28 - 06:36
मंगल 06:36 - 07:44
सूर्य 07:44 - 08:52
शुक्र 08:52 - 10:00
बुध 10:00 - 11:08
चन्द्र 11:08 - 12:16
शनि 12:16 - 13:24
बृहस्पति 13:24 - 14:32
मंगल 14:32 - 15:40
सूर्य 15:40 - 16:48
शुक्र 16:48 - 17:56
बुध 17:56 - 19:04

🚩होरा, रात
चन्द्र 19:04 - 19:56
शनि 19:56 - 20:48
बृहस्पति 20:48 - 21:40
मंगल 21:40 - 22:32
सूर्य 22:32 - 23:24
शुक्र 23:24 - 24:16
बुध 24:16* - 25:08
चन्द्र 25:08* - 25:59
शनि 25:59* - 26:52
बृहस्पति 26:52* - 27:44
मंगल 27:44* - 28:36
सूर्य 28:36* - 29:28

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 
       
वृषभ   > 05:14 से  06:32   तक
मिथुन  > 06:32 से 09:22     तक
कर्क    > 09:22  से 11:36     तक
सिंह    > 11:36  से  13:52    तक
कन्या  > 13:52  से   16:08   तक
तुला   >  16:08  से  18:20    तक
वृश्चिक > 18:20 से  20:44    तक
धनु     > 20:44  से  22:54    तक
मकर   > 22:54 से  00:38     तक
कुम्भ   > 00:38  से  01:58    तक
मीन    > 01:58  से  03:18     तक
मेष     > 03:18  से  05:20     तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान-------------दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा बेसन लड्डू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  15 + 10 + 5 +  1 = 31  ÷ 4 = 3 शेष
 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

   25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 =  6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 14:16 से 25:22 तक 

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी 

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *विश्व वैदिक विविधता दिवस* 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

यस्मिन रुष्टे भयं नास्ति तुष्टे नैव धनागमः ।
निग्रहाऽनुग्रहोनास्ति स रुष्टः किं करिष्यति ।।
।। चा o नी o।।

   जिसके डाटने से सामने वाले के मन में डर नहीं पैदा होता और प्रसन्न होने के बाद जो सामने वाले को कुछ देता नहीं है. वो ना किसी की रक्षा कर सकता है ना किसी को नियंत्रित कर सकता है. ऐसा आदमी भला क्या कर सकता है.

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः ।,
यस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते ॥,

 क्योंकि शरीरधारी किसी भी मनुष्य द्वारा सम्पूर्णता से सब कर्मों का त्याग किया जाना शक्य नहीं है, इसलिए जो कर्मफल त्यागी है, वही त्यागी है- यह कहा जाता है॥,11॥,

*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
मेहनत का फल मिलेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट रहेगा।

🐂वृष
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

👫मिथुन
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी।

🦀कर्क
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद न करें। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। अधीनस्थों की ओर ध्यान दें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

🐅सिंह
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।

🙍‍♀️कन्या
नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें।

⚖️तुला
धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा।

🦂वृश्चिक
समय ठीक नहीं है। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें।

🏹धनु
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

🐊मकर
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें।

🍯कुंभ
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें।

🐟मीन
दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से बचें। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। वाणी पर संयम रखें।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*






🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय*  🚩🚩
 




You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/5YoPweRnUNU

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
🇮🇳🇮🇳 भारत माता की जय 🇮🇳🇮🇳

                                         

आज का पांचांग दिन बुधवार दिनांक 21/05/2025


                  🌞सुप्रभातम🌞 

      ⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️

       दिनांक:- 21/05/2025, बुधवार



*नवमी, कृष्ण पक्ष,* 

*ज्येष्ठ*

(समाप्ति काल)


तिथि----------- नवमी 27:21:21       तक 

पक्ष------------------------ कृष्ण

नक्षत्र-------- शतभिषा 18:57:09

योग------------ वैधृति 24:33:32

करण----------- तैतुल 16:12:43

करण-------------- गर 27:21:21

वार----------------------- बुधवार

माह------------------------ ज्येष्ठ

चन्द्र राशि-----------------    कुम्भ

सूर्य राशि-------------------  वृषभ

रितु------------------------ ग्रीष्म

आयन------------------ उत्तरायण

संवत्सर----------------- विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर) ---------------सिद्धार्थी

विक्रम संवत---------------- 2082 

गुजराती संवत-------------- 2081 

शक संवत------------------ 1947 

कलि संवत----------------- 5126

सूर्योदय-------------- 05:28:43

सूर्यास्त--------------- 19:03:13

दिन काल------------ 13:34:29

रात्री काल------------ 10:25:05

चंद्रास्त-------------- 12:54:54

चंद्रोदय---------------- 25:48:46

लग्न---- वृषभ 5°59' , 35°59'

सूर्य नक्षत्र--------------- कृत्तिका

चन्द्र नक्षत्र-------------- शतभिषा 

नक्षत्र पाया------------------- ताम्र 


*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*


सा---- शतभिषा 07:18:50


सी---- शतभिषा 13:09:09


सू---- शतभिषा 18:57:09


से---- पूर्वा भाद्रपदा 24:42:51


*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृषभ 05°49,       कृतिका   3       उ 

चन्द्र= कुम्भ 12°30 ,       शतभिषा  2    सा 

बुध =मेष 25°52 '           भरणी   4     लो 

शु क्र= मीन 20°05,        रेवती     2      दो 

मंगल=कर्क 21°30 '   आश्लेषा'      2     डू 

गुरु=मिथुन  01°30   मृगशिरा,      3      का 

शनि=मीन 05°88 '    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) मीन 29°57 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व)कन्या 29°57  उ oफा o 1      टे

============================


*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*


राहू काल 12:16 - 13:58 अशुभ

यम घंटा 07:11 - 08:52 अशुभ

गुली काल 10:34 - 12: 16अशुभ 

अभिजित 11:49 - 12:43 अशुभ

दूर मुहूर्त 11:49 - 12:43 अशुभ

वर्ज्यम 25:06* - 26:38* अशुभ

प्रदोष 19:03 - 21:09       शुभ


🚩पंचक ² अहोरात्र          अशुभ


💮चोघडिया, दिन

लाभ 05:29 - 07:11 शुभ

अमृत 07:11 - 08:52 शुभ

काल 08:52 - 10:34 अशुभ

शुभ 10:34 - 12:16 शुभ

रोग 12:16 - 13:58 अशुभ

उद्वेग 13:58 - 15:40 अशुभ

चर 15:40 - 17:21 शुभ

लाभ 17:21 - 19:03 शुभ


🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 19:03 - 20:21 अशुभ

शुभ 20:21 - 21:39 शुभ

अमृत 21:39 - 22:58 शुभ

चर 22:58 - 24:16* शुभ

रोग 24:16* - 25:34* अशुभ

काल 25:34* - 26:52* अशुभ

लाभ 26:52* - 28:10* शुभ

उद्वेग 28:10* - 29:28* अशुभ


💮होरा, दिन

बुध 05:29 - 06:37

चन्द्र 06:37 - 07:44

शनि 07:44 - 08:52

बृहस्पति 08:52 - 10:00

मंगल 10:00 - 11:08

सूर्य 11:08 - 12:16

शुक्र 12:16 - 13:24

बुध 13:24 - 14:32

चन्द्र 14:32 - 15:40

शनि 15:40 - 16:47

बृहस्पति 16:47 - 17:55

मंगल 17:55 - 19:03


🚩होरा, रात

सूर्य 19:03 - 19:55

शुक्र 19:55 - 20:47

बुध 20:47 - 21:39

चन्द्र 21:39 - 22:32

शनि 22:32 - 23:24

बृहस्पति 23:24 - 24:16

मंगल 24:16* - 25:08

सूर्य 25:08* - 25:59

शुक्र 25:59* - 26:52

बुध 26:52* - 27:44

चन्द्र 27:44* - 28:36

शनि 28:36* - 29:28


*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

       

वृषभ   > 05:18 से  06:36   तक

मिथुन  > 06:36 से 09:26     तक

कर्क    > 09:26  से 11:40     तक

सिंह    > 11:40  से  13:56    तक

कन्या  > 13:56  से   16:12   तक

तुला   >  16:12  से  18:24    तक

वृश्चिक > 18:24 से  20:48    तक

धनु     > 20:48  से  22:58    तक

मकर   > 22:58 से  00:42     तक

कुम्भ   > 00:42  से  02:02    तक

मीन    > 02:02  से  03:20     तक

मेष     > 03:20  से  05:24     तक

=======================


*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


*💮दिशा शूल ज्ञान------------उत्तर*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*


*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*


 15 + 9 + 4 +  1 = 29  ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l


*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


राहु ग्रह मुखहुति


*💮    शिव वास एवं फल -:*


 24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 =  4 शेष


सभायां = संताप कारक


*🚩भद्रा वास एवं फल -:*


*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


 *आतंकवाद विरोध दिवस*


*विश्व संस्कृति विविधता दिवस* 


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


अर्थाधीताश्चयै र्वेदास्तथा शूद्रान्न भोजिनः ।

ते द्विजाः किं करिष्यन्ति निर्विषा इव पन्नगाः ।।

।। चा o नी o।।


   जिन्होंने वेदों का अध्ययन पैसा कमाने के लिए किया और जो नीच काम करने वाले लोगो का दिया हुआ अन्न खाते है उनके पास कौनसी शक्ति हो सकती है. वो ऐसे भुजंगो के समान है जो दंश नहीं कर सकते. इस


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18


कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेअर्जुन ।,

सङ्‍गं त्यक्त्वा फलं चैव स त्यागः सात्त्विको मतः ॥,


हे अर्जुन! जो शास्त्रविहित कर्म करना कर्तव्य है- इसी भाव से आसक्ति और फल का त्याग करके किया जाता है- वही सात्त्विक त्याग माना गया है॥,9॥,


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। संतान संबंधी चिंता कम होगी। स्वाभाविक सोच में बदलाव आएगा। रुका पैसा प्रयास करने पर प्राप्त होने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।


🐂वृष

मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। प्रमाद न करें। आर्थिक स्थिति संतोषजनक रहेगी। अपनी योजनाओं में परिवर्तन करना होगा। प्रतिस्पर्धा, शत्रुता से परेशानी संभव है। अनसोचे कामों में हाथ नहीं डालें।


👫मिथुन

मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धनार्जन होगा। नियमित कर्ज, लेनदेन में कटौती करना होगी। योजनाओं पर चर्चा, कार्य के प्रति लगन रह पाएगी। नौकरी, राज्यपक्ष में स्थायित्व की बात आएगी।


🦀कर्क

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम न लें। बड़े व्यक्तियों से भेंट का लाभ मिलेगा। कानूनी कार्यों में समय सीमा का ध्यान रखें। व्यवहारकुशलता का लाभ मिलेगा। व्यावसायिक श्रेष्ठता रहेगी।


🐅सिंह

कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समय। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। पैतृक संपत्ति के क्षेत्रों में उन्नति होगी। नौकरी में संयत व्यवहार आवश्यक है।


🙍‍♀️कन्या

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन भोजन का आनंद मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। मनोविनोद के अवसर मिलेंगे। भाई-बहनों से संबंध प्रगाढ़ होंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। रचनात्मक काम होंगे।


⚖️तुला

व्यर्थ दौड़धूप रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बुरी खबर मिल सकती है। चिंता रहेगी। मानसिक शांति रहेगी। व्यापारिक विवादों का आसान हल निकाल सकेंगे। वाणी पर संयम रखना चाहिए। अधीनस्थों से मदद मिलेगी।


🦂वृश्चिक

आ‍कस्मिक खर्च अधिक होगा। तनाव रहेगा। थकान रहेगी। जोखिम न लें। धैर्य रखें। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। संघर्ष, भागदौड़ के बाद रोजगार में इच्छित सफलता मिलने के योग हैं। परिवार, समाज में आपके कार्यों को महत्व दिया जाएगा।


🏹धनु

योजना फलीभूत होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रमाद न करें। संतान, भाइयों से लाभ होगा। घरेलू उपयोग की वस्तुएँ क्रय करेंगे। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएँगे। व्यापारिक योजनाओं को गोपनीय बनाकर रखें।


🐊मकर

राजकीय मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रेम प्रस्ताव मिल सकता है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। सामान्य प्रतिष्ठा, सम्मान से उत्साहित रहेंगे। खर्चों में कमी का प्रयास करना होगा। व्यापार-व्यवसाय में विवेक से निर्णय लेने पर आशानुकूल लाभ के योग हैं।

 

🍯कुंभ

यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम न लें। जल्दबाजी न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। उच्चाधिकारियों से सम्मान एवं महत्व प्राप्त हो सकेगा। रुके हुए धन की प्राप्ति होगी। पूँजी निवेश लाभदायी रहेगा।


🐟मीन

चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। थकान रहेगी। परिवार में आर्थिक समस्या को लेकर विचार-विमर्श होगा। दूसरों से अपमानजनक व्यवहार न करें। कार्यक्षेत्र में इच्छित सफलता व संतोष रहेगा।


*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*


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You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtube.com/shorts/xqc6820XshI?si=3BPhBlfPj8-AJ3Bo

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


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🚩🚩भारत माता की जय🚩🚩

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NEWSBIN24

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