गणेश विसर्जन के बाद पूजन सामग्री का और साथ साथ क्या करें? जानिए सही तरीका जिससे साल भर सुख-समृद्धि बनी रहे
गणेश उत्सव के बाद गणपति की प्रतिमा का विसर्जन करना एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो इस विश्वास का प्रतीक है कि भगवान गणेश वापस अपने निवास स्थान कैलाश पर्वत लौट रहे हैं। यह विदाई एक उत्सव के साथ-साथ एक भावुक क्षण भी होता है। इस साल 6 सितंबर, दिन शनिवार को श्री गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। आइए जानते हैं गणेश प्रतिमा विसर्जन का सही तरीका और विधि
अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन के शुभ मुहूर्त:
गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 10 दिन के बाद किया जाता है। 2025 में 10 दिन के गणेश विसर्जन हेतु 6 सितंबर 2025, दिन शनिवार को अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाएगा।
अनंत चतुर्दशी: 10 दिन के गणेश विसर्जन, 6 सितंबर 2025 के शुभ मुहूर्त :
सुबह का मुहूर्त: 07:36 मिनट से 09:10 मिनट तक।
मुहूर्त: 12:19 मिनट से 05:02 मिनट तक।
शाम का मुहूर्त: 06:37 मिनट से 08:02 मिनट तक।
विसर्जन की सही विधि
1. अंतिम पूजा: विसर्जन से पहले, भगवान गणेश की अंतिम पूजा करें। उन्हें नए फूल और मोदक का भोग लगाएं। आरती करने के बाद क्षमा प्रार्थना करें और उनसे अपने सभी कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करें।
2. यात्रा की तैयारी: प्रतिमा को विसर्जन के लिए तैयार करें। उन्हें एक चौकी पर रखकर सम्मानपूर्वक घर से बाहर निकालें। घर के सभी सदस्य मिलकर 'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ' का जयघोष करते हुए विसर्जन स्थल तक जाएं।
3. विसर्जन का स्थान और विधि:
पारंपरिक तरीका: प्रतिमा को पवित्र नदी, तालाब या समुद्र में सम्मानपूर्वक विसर्जित करें।
पर्यावरण-अनुकूल तरीका: पर्यावरण की रक्षा के लिए आप घर पर ही एक बड़े बर्तन या टब में पानी भरकर उसमें गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन कर सकते हैं, खासकर यदि प्रतिमा मिट्टी की बनी हो। यह तरीका आजकल सबसे ज्यादा प्रचलित और प्रशंसनीय है।
4. मंत्र और विदाई: विसर्जन के समय मंत्रों का जाप करें। यह मंत्र विशेष रूप से भगवान को विदाई देने के लिए है: 'ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे, कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम्। ज्येष्ठराजं ब्रह्मणां ब्रह्मणस्पत आ नः शृण्वन्नूतिभिः सीदसादनम्॥' इसका अर्थ है कि हे गणपति, आप हमारे राजा हैं, हमारी प्रार्थनाओं को सुनें और हमारा मार्गदर्शन करें।
साथ ही इस मंत्र से भी विसर्जन कर सकते हैं।
मंत्र- श्री गणेश विसर्जन
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥
मंत्र- श्री गणेश विसर्जन
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
5. विसर्जन के बाद: विसर्जन के बाद, घर लौटते समय पीछे मुड़कर न देखें। घर वापस आकर हाथ-पैर धोएं और भगवान से अगले वर्ष फिर आने की प्रार्थना करें।
गणेश विसर्जन के बाद क्या करें ताकि साल भर सुख-समृद्धि बनी रहे
गणेश विसर्जन के बाद कुछ विशेष कार्य और नियम ऐसे माने जाते हैं जिन्हें अपनाने से घर में साल भर सुख-समृद्धि और मंगल बना रहता है। यह समय गणपति बप्पा को भावपूर्वक विदा करने का होता है, लेकिन उनका आशीर्वाद बना रहे, इसके लिए कुछ बातों का पालन करना बेहद शुभ होता है।
तो यहां जान लीजिए, गणेश विसर्जन के बाद साल भर सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए आप कौन-कौनसे कार्य कर सकते हैं:
1. विसर्जन के समय यह अवश्य कहें:
'गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ!'
अर्थात् यह भाव दर्शाता है कि आप उन्हें ससम्मान विदा कर रहे हैं और अगले वर्ष फिर आमंत्रण दे रहे हैं।
2. सफाई और शुद्धिकरण: गणेश विसर्जन के बाद घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। पूजा स्थल को गंगाजल या गोमूत्र से शुद्ध करें। यह घर से नकारात्मकता को दूर करता है।
3. गणेश जी का प्रतीक रखें: विसर्जन के बाद गणेश जी की कोई छोटी मूर्ति, तस्वीर या प्रतीक पूजा स्थान पर रखें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से गणेश जी का आशीर्वाद साल भर बना रहता है।
4. दीप जलाएं: शाम के समय पूजा घर में घी का दीपक जलाएं और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाता है।
5. दान करें: इस दिन गरीबों या ज़रूरतमंदों को भोजन, कपड़े या पैसे दान करें। दान-पुण्य करने से घर में बरकत और सुख-समृद्धि आती है।
6. पर्यावरण का सम्मान करें: अगर आपने मिट्टी के गणेश जी की मूर्ति स्थापित की थी तो उसका विसर्जन नदी या तालाब में ही करें। अगर मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस की है, तो उसे घर पर ही एक बड़े टब में विसर्जित करें और अगले दिन उस पानी को पौधों में डाल दें। यह कार्य प्रकृति और पर्यावरण के प्रति आपके सम्मान को दिखाता है, जिससे ईश्वर प्रसन्न होते हैं।
इन उपायों को अपनाकर आप गणेश जी का आशीर्वाद और कृपा साल भर अपने और अपने परिवार के साथ बनाए रख सकते हैं।
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