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                                                       आज का पञ्चांग,दिन,मंगलवार,दिनांक 02/12/2025,




               *|| 🕉️ ||*
         *🌞सुप्रभातम🌞*
         *आज का पञ्चांग*

*दिनांक:- 02/12/2025, मंगलवार


*जय श्री राम*

*द्वादशी, शुक्ल पक्ष,*
*मार्गशीर्ष*
(समाप्ति काल)

तिथि----------- द्वादशी 15:56:32.     तक 
पक्ष-------------------------- शुक्ल
नक्षत्र----------- अश्विनी 20:50:42
योग------------ वरियान 21:07:22
करण----------- बालव 15:56:33
करण----------- कौलव 26:13:42
वार----------------------- मंगलवार
माह----------------------- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि--------------------    मेष
सूर्य राशि------‐-----------   वृश्चिक
रितु--------------------------- हेमंत
आयन------------------ दक्षिणायण
संवत्सर---------------‐--- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) --------------सिद्धार्थी
विक्रम संवत---------------- 2082 
गुजराती संवत-------------- 2082 
शक संवत------------------ 1947
कलि संवत----------------- 5126
सूर्योदय---------------- 06:54:27
सूर्यास्त----------------- 17:22:49
दिन काल-------------- 10:28:21
रात्री काल-------------- 13:32:23
चंद्रोदय---------------- 14:59:05
चंद्रास्त--------‐-------- 28:48:59
लग्न ----वृश्चिक 15°54' , 225°54'
सूर्य नक्षत्र----------------- अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र------------------अश्विनी
नक्षत्र पाया-------------------- स्वर्ण 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

चे---- अश्विनी 10:07:49

चो---- अश्विनी 15:30:07

ला---- अश्विनी 20:50:42

ली---- भरणी 26:09:42

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
============================
सूर्य=  वृश्चिक 15°49 ,  अनुराधा   4       ने 
चन्द्र= मेष 04°30 ,       अश्विनी     2    चे
बुध = तुला  26°52 '    विशाखा   3      ते
शु क्र= वृश्चिक 07°05,  अनुराधा   , 2      नी
मंगल= वृश्चिक 25°30 '     ज्येष्ठा  3      यी
गुरु= कर्क  00°50      पुनर्वसु,     4      ही 
शनि=मीन 01°02 '    पूo भा o  , 4       दी 
राहू=(व) कुम्भ 19°35 पू o भा o,      4   सू
केतु= (व) सिंह 19°35 पूoफा o   2       टा
============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 14:46 - 16:04 अशुभ
यम घंटा 09:32 - 10:50 अशुभ
गुली काल 12:09 - 13:27 अशुभ 
अभिजित 11:48 - 12:30 शुभ
दूर मुहूर्त 09:00 - 09:42 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:47 - 23:29 अशुभ
वर्ज्यम 17:17 - 18:43 अशुभ
प्रदोष 17:23 - 20:08      शुभ

🚩गंड मूल 06:54 - 20:51 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

रोग 06:54 - 08:13 अशुभ
उद्वेग 08:13 - 09:32 अशुभ
चर 09:32 10:50 शुभ
लाभ 10:50 - 12:09 शुभ
अमृत 12:09 - 13:27 शुभ
काल 13:27 14:46 अशुभ
शुभ 14:46 - 16:04 शुभ
रोग 16:04 - 17:23 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

काल 17:23 19:04 अशुभ
लाभ 19:04 - 20:46 शुभ
उद्वेग 20:46 - 22:27 अशुभ
शुभ 22:27 - 24:09* शुभ
अमृत 24:09* - 25:51* शुभ
चर 25:51*- 27:32* शुभ
रोग 27:32* - 29:14* अशुभ
काल 29:14* - 30:55* अशुभ

💮होरा, दिन

मंगल 06:54 -07:47
सूर्य 07:47 -08:39
शुक्र 08:39 -09:32
बुध 09:32- 10:24
चन्द्र 10:24 -11:16
शनि 11:16 -12:09
बृहस्पति 12:09 -13:01
मंगल 13:01 -13:53
सूर्य 13:53 -14:46
शुक्र 14:46 -15:38
बुध 15:38 -16:30
चन्द्र 16:30 -17:23

🚩होरा, रात

शनि 17:23- 18:31
बृहस्पति 18:31 -19:38
मंगल 19:38- 20:46
सूर्य 20:46 -21:54
शुक्र 21:54- 23:01
बुध 23:01 -24:09
चन्द्र 24:09-25:17
शनि 25:17- 26:24
बृहस्पति 26:24-27:32
मंगल 27:32-28:40
सूर्य 28:40-29:48
शुक्र 29:48-30:55

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 

वृश्चिक > 05:40 से  09:02     तक
धनु     > 09:02  से  10:10     तक
मकर   > 10:10 से  11:42     तक
कुम्भ   > 11:42  से  13:16     तक
मीन    > 13:16  से  14:52     तक
मेष     > 14:52  से  16:22     तक     
वृषभ   > 16:22 से  18:16     तक
मिथुन  > 18:16 से 20:46      तक
कर्क    > 20:46  से 22:52    तक
सिंह    > 22:52 से  01:02      तक
कन्या  > 01:02  से   03:32    तक
तुला   >  03:32  से  05:30    तक
=======================

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान------------- उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  12 + 3 +  1 =  16 ÷ 4 = 0 शेष
 पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

  12 + 12 + 5 = 29 ÷ 7 =  1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *भौम प्रदोष व्रत (शिव पूजन)*

*सर्वार्थ ,अमृत सिद्धि योग 20:51 तक*

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

शाकेन रोगा वर्ध्दते पयसो वर्ध्दते तनुः ।
घृतेन वर्ध्दते वीर्यं मांसान्मासं प्रवर्ध्दते ।।
।।चाo नीo।।

   शाक से रोग, दूध से शरीर, घी से वीर्य और मांस से मांस की वृध्दि होती है।

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -:  कर्मयोग अo-3

इष्टान्भोगान्हि वो देवा दास्यन्ते यज्ञभाविताः।
 तैर्दत्तानप्रदायैभ्यो यो भुंक्ते स्तेन एव सः॥

यज्ञ द्वारा बढ़ाए हुए देवता तुम लोगों को बिना माँगे ही इच्छित भोग निश्चय ही देते रहेंगे। इस प्रकार उन देवताओं द्वारा दिए हुए भोगों को जो पुरुष उनको बिना दिए स्वयं भोगता है, वह चोर ही है
 ॥12॥

*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🐏मेष
धनार्जन होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

🐂वृष
संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूंजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा।

👫मिथुन
जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी।

🦀कर्क
भौतिक विकास के कार्यों को बल मिलेगा। फालतू खर्च होगा। भागीदारी के प्रस्ताव आएंगे। दिनचर्या नियमित रहेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम न लें। झंझटों में न पड़ें। आय में कमी होगी।

🐅सिंह
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

🙎‍♀️कन्या
मान बढ़ेगा। मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖️तुला
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।

🦂वृश्चिक
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

🏹धनु
उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

🐊मकर
धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें। कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी।

🍯कुंभ
समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी।

🐟मीन
रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी।

*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*










You Tube: 
1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtu.be/RwbixOslOhI

2. Youtube:  B I News
https://youtu.be/VwwU7GSmc8o?si=Y4y_DG_etYEolPQ0


PLEASE:-
भारत माता की जय


                             

आज का पांचांग दिन सोमवार दिनांक 01/12/2025

                                     

                  🌞सुप्रभातम🌞 

      ⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️

       दिनांक:- 01/12/2025सोमवार


*जय श्री राम*

   

*जय श्री राम*

*

*एकादशी, शुक्ल पक्ष,*

*मार्गशीर्ष*

(समाप्ति काल)


तिथि---------- एकादशी 19:00:34.      तक 

पक्ष-------------------------- शुक्ल

नक्षत्र------------- रेवती 23:17:27

योग----------- व्यतिपत 24:57:58

करण----‐------ वणिज 08:19:34

करण-------- विष्टि भद्र 19:00:34

करण--------------- बव 29:32:33

वार------------------------ सोमवार

माह--------------------- मार्गशीर्ष

चन्द्र राशि-------   मीन 23:17:27

चन्द्र राशि--------------------   मेष

सूर्य राशि-----------------    वृश्चिक

रितु--------------------------- हेमंत

आयन------------------ दक्षिणायण

संवत्सर------------------- विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर)-------------- सिद्धार्थी

विक्रम संवत---------------- 2082 

गुजराती संवत-------------- 2082 

शक संवत------------------ 1947 

कलि संवत------------------ 5126

सूर्योदय---------------- 06:53:42

सूर्यास्त----------------- 17:22:47

दिन काल-------------- 10:29:05

रात्री काल------------- 13:31:39

चंद्रोदय---------------- 14:21:09

चंद्रास्त----------------- 27:38:48

लग्न ---- वृश्चिक 14°53' , 224°53'

सूर्य नक्षत्र----------------- अनुराधा

चन्द्र नक्षत्र-------------------- रेवती

नक्षत्र पाया-------------------- स्वर्ण 


*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*


दो---- रेवती 12:18:29


च---- रेवती 17:49:07


ची----रेवती 23:17:27


चु---- अश्विनी 28:43:38


*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृश्चिक 14°49 ,  अनुराधा   4       ने 

चन्द्र= मीन 20°30 ,       रेवती     2    दो 

बुध = तुला  26°52 '    विशाखा   2      तू 

शु क्र= वृश्चिक 06°05,  अनुराधा   , 1      ना 

मंगल= वृश्चिक 25°30 '     ज्येष्ठा  3      यी

गुरु= कर्क  00°50      पुनर्वसु,     4      ही 

शनि=मीन 01°02 '    पूo भा o  , 4       दी 

राहू=(व) कुम्भ 19°40 पू o भा o,      4   सू

केतु= (व) सिंह 19°40 पूoफा o   2       टा

============================


*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*


राहू काल 08:12 - 09:31 अशुभ

यम घंटा 10:50 - 12:08 अशुभ

गुली काल 13:27 - 14:46 अशुभ 

अभिजित 11:47 - 12:29 शुभ

दूर मुहूर्त 12:29 - 13:11 अशुभ

दूर मुहूर्त 14:35 - 15:17 अशुभ

वर्ज्यम 12:18 - 13:47.   अशुभ

प्रदोष 17:23 - 20:08         शुभ


💮गंड मूल अहोरात्र अशुभ


🚩पंचक 5 06:54 - 23:17 अशुभ


💮चोघडिया, दिन


अमृत 06:54 - 08:12 शुभ

काल 08:12 09:31 अशुभ

शुभ 09:31 10:50 शुभ

रोग 10:50 - 12:08 अशुभ

उद्वेग 12:08 - 13:27 अशुभ

चर 13:27 14:46 शुभ

लाभ 14:46 16:04 शुभ

अमृत 16:04 17:23 शुभ


🚩चोघडिया, रात


चर 17:23 19:04 शुभ

रोग 19:04 - 20:46 अशुभ

काल 20:46 - 22:27 अशुभ

लाभ 22:27 - 24:09* शुभ

उद्वेग 24:09* - 25:50* अशुभ

शुभ 25:50* - 27:32* शुभ

अमृत 27:32* - 29:13* शुभ

चर 29:13*- 30:54*   शुभ


💮होरा, दिन


चन्द्र 06:54 -07:46

शनि 07:46 -08:39

बृहस्पति 08:39- 09:31

मंगल 09:31 -10:23

सूर्य 10:23- 11:16

शुक्र 11:16 -12:08

बुध 12:08 -13:01

चन्द्र 13:01 -13:53

शनि 13:53- 14:46

बृहस्पति 14:46 -15:38

मंगल 15:38- 16:30

सूर्य 16:30 -17:23


🚩होरा, रात


शुक्र 17:23- 18:30

बुध 18:30 -19:38

चन्द्र 19:38 -20:46

शनि 20:46 -21:53

बृहस्पति 21:53- 23:01

मंगल 23:01 -24:09

सूर्य 24:09-25:16

शुक्र 25:16-26:24

बुध 26:24-27:32

चन्द्र 27:32-28:39

शनि 28:39-29:47

बृहस्पति 29:47-30:54


*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 


वृश्चिक > 05:44 से  09:06     तक

धनु     > 09:06  से  10:14     तक

मकर   > 10:14 से  11:46     तक

कुम्भ   > 11:46  से  13:20     तक

मीन    > 13:20  से  14:56     तक

मेष     > 14:56  से  16:26     तक     

वृषभ   > 16:26 से  18:20     तक

मिथुन  > 18:20 से 20:50      तक

कर्क    > 20:50  से 22:56    तक

सिंह    > 22:56 से  01:06      तक

कन्या  > 01:06  से   03:36    तक

तुला   >  03:36  से  05:34    तक

=======================


*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


*💮दिशा शूल ज्ञान-------------पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*


*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*


  11 + 2 +  1 =  14 ÷ 4 = 2 शेष

 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l


*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


शनि ग्रह मुखहुति


*💮    शिव वास एवं फल -:*


  11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 =  6 शेष


क्रीड़ायां = शोक ,दुःख कारक


*🚩भद्रा वास एवं फल -:*


*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


*मोक्षदा एकादशी व्रत (सर्वेषां)*


*गीता जयंती* 


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


अनाद्दशगुणं पिस्टं पिस्टाद्दशगुणं पयः ।

पयसोऽष्टगुणं मांसं मांसाद्दशगुणं घृतम् ।।

।।चाo नीo।।


   खडे अन्न की अपेक्षा दसगुना बल रहता है पिसान में। पिसान से दसगुना बल रहता है दूध में। दूध से अठगुना बल रहता है मांस से भी दसगुना बल है घी में।


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -:  कर्मयोग अo-3


देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु वः।

 परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथ॥


तुम लोग इस यज्ञ द्वारा देवताओं को उन्नत करो और वे देवता तुम लोगों को उन्नत करें। इस प्रकार निःस्वार्थ भाव से एक-दूसरे को उन्नत करते हुए तुम लोग परम कल्याण को प्राप्त हो जाओगे

 ॥11॥


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार‍ मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।


🐂वृष

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।


👫मिथुन

मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।


🦀कर्क

विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।


🐅सिंह

मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।


🙎‍♀️कन्या

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे।


⚖️तुला

कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी प‍र नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।


🦂वृश्चिक

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।


🏹धनु

चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।


🐊मकर

राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।


🍯कुंभ

व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।


🐟मीन

व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी।


*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*










You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtube.com/shorts/xqc6820XshI?si=3BPhBlfPj8-AJ3Bo

2. Youtube:  B I News
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🚩🚩भारत माता की जय🚩🚩

                                                                 


आज का पांचांग दिन शनिवार दिनांक 30/11/2025



                  🌞सुप्रभातम🌞 

      ⚜️««« *आज का पंचांग* »»»⚜️

       दिनांक:- 30/11/2025, रविवार


 *जय श्री राम*

*दशमी, शुक्ल पक्ष,*

*मार्गशीर्ष*

(समाप्ति काल)


तिथि------------ दशमी 21:28:40.     तक 

पक्ष-------------------------- शुक्ल

नक्षत्र--- उत्तराभाद्रपद 25:10:01

योग--------------- वज्र 07:11:24

योग-------------- सिद्वि 28:21:04

करण------------ तैतुल 10:27:09

करण--------------- गर 21:28:40

वार------------------------ रविवार

माह--------------------- मार्गशीर्ष

चन्द्र राशि------------------    मीन

सूर्य राशि-----------------   वृश्चिक

रितु------------‐------------- हेमंत

आयन---------------- दक्षिणायण

संवत्सर------------------ विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर) -------------सिद्धार्थी

विक्रम संवत---------------- 2082

गुजराती संवत--‐----‐------ 2082 

शक संवत-----------------‐-1947 

कलि संवत------------------ 5126

सूर्योदय---------------- 06:52:56

सूर्यास्त----------------- 17:22:48

दिन काल-------------- 10:29:51

रात्री काल-------------- 13:30:54

चंद्रोदय----------------- 13:47:14

चंद्रास्त----------------- 26:32:53

लग्न----वृश्चिक 13°52' , 223°52'

सूर्य नक्षत्र--‐‐------------- अनुराधा

चन्द्र नक्षत्र------------ उत्तराभाद्रपद 

नक्षत्र पाया-------------------- ताम्र


*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*


 दू---- उत्तराभाद्रपद 08:07:48


थ---- उत्तराभाद्रपद 13:51:14


झ---- उत्तराभाद्रपद 19:31:57


ञ---- उत्तराभाद्रपद 25:10:01


दे---- रेवती 30:45:30


*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*


        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृश्चिक 13°49 ,  अनुराधा   4       ने 

चन्द्र= मीन 04°30 ,      उo भा o     1.  दू

बुध = तुला  26°52 '    विशाखा   2      तू 

शु क्र= वृश्चिक 04°05,  अनुराधा   , 1      ना 

मंगल= वृश्चिक 24°30 '     ज्येष्ठा  3      यी

गुरु= कर्क  00°50      पुनर्वसु,     4      ही 

शनि=मीन 01°02 '    पूo भा o  , 4       दी 

राहू=(व) कुम्भ 19°40 पू o भा o,      4   सू

केतु= (व) सिंह 19°40 पूoफा o   2       टा

============================


*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*


राहू काल 16:04 - 17:23 अशुभ

यम घंटा 12:08 - 13:27 अशुभ

गुली काल 14:45 - 16:04 अशुभ 

अभिजित 11:47 - 12:29 शुभ

दूर मुहूर्त 15:59 - 16:41 अशुभ

वर्ज्यम 11:34 - 13:06 अशुभ

प्रदोष 17:23 - 20:08      शुभ


💮गंड मूल 25:10*  अहोरात्र अशुभ


🚩पंचक 4 अहोरात्र अशुभ


💮चोघडिया, दिन


उद्वेग 06:53 - 08:12 अशुभ

चर 08:12 - 09:30 शुभ

लाभ 09:30 - 10:49 शुभ

अमृत 10:49 - 12:08 शुभ

काल 12:08 13:27 अशुभ

शुभ 13:27 - 14:45 शुभ

रोग 14:45 - 16:04 अशुभ

उद्वेग 16:04 - 17:23 अशुभ


🚩चोघडिया, रात


शुभ 17:23 - 19:04 शुभ

अमृत 19:04 20:46 शुभ

चर 20:46 - 22:27 शुभ

रोग 22:27 - 24:08* अशुभ

काल 24:08*25:50* अशुभ

लाभ 25:50* - 27:31* शुभ

उद्वेग 27:31* - 29:12* अशुभ

शुभ 29:12* - 30:54* शुभ


💮होरा, दिन


सूर्य 06:53- 07:45

शुक्र 07:45- 08:38

बुध 08:38- 09:30

चन्द्र 09:30 -10:23

शनि 10:23 -11:15

बृहस्पति 11:15- 12:08

मंगल 12:08 -13:00

सूर्य 13:00 -13:53

शुक्र 13:53 -14:45

बुध 14:45 -15:38

चन्द्र 15:38 -16:30

शनि 16:30 -17:23


🚩होरा, रात


बृहस्पति 17:23 -18:30

मंगल 18:30 -19:38

सूर्य 19:38 -20:46

शुक्र 20:46- 21:53

बुध 21:53- 23:01

चन्द्र 23:01 -24:08

शनि 24:08-25:16

बृहस्पति 25:16-26:23

मंगल 26:23-27:31

सूर्य 27:31-28:39

शुक्र 28:39-29:46

बुध 29:46-30:54


*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩* 


वृश्चिक > 05:48 से  09:10     तक

धनु     > 09:10  से  10:18     तक

मकर   > 10:18 से  11:50     तक

कुम्भ   > 11:50  से  13:24     तक

मीन    > 13:24  से  15:00     तक

मेष     > 15:00  से  16:30     तक     

वृषभ   > 16:30 से  18:24     तक

मिथुन  > 18:24 से 20:54      तक

कर्क    > 20:53  से 23:00    तक

सिंह    > 23:00 से  01:10      तक

कन्या  > 01:10  से   03:40    तक

तुला   >  03:40  से  05:38    तक

=======================


*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*


       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट--------- जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट------ अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट------------ मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट--------बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54-----जैसलमेर -15 मिनट


*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।


*💮दिशा शूल ज्ञान------------- पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*


*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*


  10 + 1 +  1 = 12  ÷ 4 = 0 शेष

 पृथ्वी लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l


*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*


सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है


शनि ग्रह मुखहुति


*💮    शिव वास एवं फल -:*


   10 + 10 + 5 =25  ÷ 7 =  4 शेष


सभायां  = संताप कारक


*🚩भद्रा वास एवं फल -:*


*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*


 प्रात: 8:15  से 19:01 तक


मृत्यु  लोक  = सर्वकार्य विनाशिनी


*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*


  *पंचक समाप्त 23:15*


*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*


गीर्वाणवाणीषु विशिष्टबुध्दि-

स्तथापि भाषान्तरलालुपोऽहम् ।

यथा सुधायाममरिषु सत्यां

स्वर्गड्गनानामधरासवे रुचिः ।।

।।चाo नीo।।


 यद्यपि मैं देववाणी में विशेष योग्यता रखता हूँ, फिर भी भाषान्तर का लोभ है ही। जैसे स्वर्ग में अमृत जैसी उत्तम वस्तु विद्यमान है फिर भी देवताओं को देवांगनाओं के अधरामृत पान करने की रुचि रहती ही है।


*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*


गीता -:  कर्मयोग अo-3


सहयज्ञाः प्रजाः सृष्टा पुरोवाचप्रजापतिः।

 अनेन प्रसविष्यध्वमेष वोऽस्त्विष्टकामधुक्‌॥


प्रजापति ब्रह्मा ने कल्प के आदि में यज्ञ सहित प्रजाओं को रचकर उनसे कहा कि तुम लोग इस यज्ञ द्वारा वृद्धि को प्राप्त होओ और यह यज्ञ तुम लोगों को इच्छित भोग प्रदान करने वाला हो ॥10॥


*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*


देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।


🐏मेष

धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी।


🐂वृष

आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा। बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें।


👫मिथुन

दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। पूंजी निवेश बढ़ेगा। साहित्यिक रुचि बढ़ेगी। आर्थिक योग शुभ हैं। यात्रा से व्यापारिक लाभ हो सकता है। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। सुसंगति से लाभ होगा।


🦀कर्क

अप्रत्याशित लाभ होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। गृह उपयोगी वस्तुएं क्रय करेंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।


🐅सिंह

पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। रुका पैसा मिलेगा। शत्रु आपकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करेंगे। अतः सावधान रहें। फालतू खर्च होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। कुसंगति से बचें। दूसरों पर भरोसा न करें। धैर्य रखें। व्यापार में सफलता मिलेगी।


🙎‍♀️कन्या

पुराने मित्र-संबंधी मिलेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। विवादों से दूर रहना चाहिए। उत्साहवर्द्धक सूचना मिलेगी। स्वाभिमान बढ़ेगा। आर्थिक तंगी रहेगी। पिछले कार्यों को टालें। पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। व्यापार में हानि हो सकती है।


⚖️तुला

कार्यसिद्धि होगी। आय-व्यय में संतुलन रहेगा। क्रोध पर संयम आवश्यक है। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। धर्म में रुचि बढ़ेगी। नई योजना से लाभ होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। वरिष्ठजनों का सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी के काम बनेंगे।


🦂वृश्चिक

संतान की ओर से अच्छे समाचार मिलेंगे। दूसरों के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करें। परिवार की चिंता रहेगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यापार के विस्तार हेतु किए गए प्रयास सफल होंगे।


🏹धनु

लाभ होगा। पिछले कार्यों को टालना चाहिए क्योंकि उसमें असफलता का योग है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रुभय रहेगा। अनावश्यक विवाद होगा। व्यावसायिक योजनाएँ क्रियान्वित नहीं हो पाएँगी।


🐊मकर

नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएँ। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा। योजना फलीभूत होगी।


🍯कुंभ

धनलाभ होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। वाहन सुख मिलेगा। संपत्ति के लेन-देन में सावधानी बरतें। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। संतान पर ध्यान दें। जल्दबाजी व भागदौड़ से कार्य करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं।


🐟मीन

प्रसन्नता रहेगी। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी।


*🚩आपका दिन मंगलमय हो🚩*आरती, भजन अथवा कीर्तन करते समय तालियां क्यों बजाई जाती है...?????


हम अक्सर ही यह देखते है कि जब भी आरती, भजन अथवा कीर्तन होता है तो, उसमें सभी लोग तालियां जरुर बजाते हैं!


लेकिन, हममें से अधिकाँश लोगों को यह नहीं मालूम होता है कि.... आखिर यह तालियां बजाई क्यों जाती है?????


इसीलिए हम से अधिकाँश लोग बिना कुछ जाने-समझे ही तालियां बजाया करते हैं क्योंकि, हम अपने बचपन से ही अपने बाप-दादाओं को ऐसा करते देखते रहे हैं!


हमारी आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जिस प्रकार व्यक्ति अपने बगल में कोई वस्तु छिपा ले और, यदि दोनों हाथ ऊपर करे तो वह वस्तु नीचे गिर जायेगी।


ठीक उसी प्रकार जब हम दोनों हाथ ऊपर उठकर ताली बजाते है। तो, जन्मो से संचित पाप जो हमने स्वयं अपने बगल में दबा रखे है, नीचे गिर जाते हैं अर्थात नष्ट होने लगते है!


कहा तो यहाँ तक जाता है कि जब हम संकीर्तन (कीर्तन के समय हाथ ऊपर उठा कर ताली बजाना) में काफी शक्ति होती है। और, संकीर्तन से हमारे हाथो की रेखाएं तक बदल जाती है!


परन्तु यदि हम आध्यात्मिकता की बात को थोड़ी देर के छोड़ भी दें तो


एक्यूप्रेशर सिद्धांत के अनुसार मनुष्य को हाथों में पूरे शरीर के अंग व प्रत्यंग के दबाव बिंदु होते हैं, जिनको दबाने पर सम्बंधित अंग तक खून व ऑक्सीजन का प्रवाह पहुंचने लगता है... और, धीरे-धीरे वह रोग ठीक होने लगता है।


और, यह जानकार आप सभी को बेहद ख़ुशी मिश्रित आश्चर्य होगा कि इन सभी दबाव बिंदुओं को दबाने का सबसे सरल तरीका होता है ताली!


असल में ताली दो तीन प्रकार से बजायी जाती है:-


1👉  ताली में बाएं हाथ की हथेली पर दाएं हाथ की चारों अंगुलियों को एक साथ तेज दबाव के साथ इस प्रकार मारा जाता है कि ....दबाव पूरा हो और आवाज अच्छी आए!


इस प्रकार की ताली से बाएं हथेली के फेफड़े, लीवर, पित्ताशय, गुर्दे, छोटी आंत व बड़ी आंत तथा दाएं हाथ की अंगुली के साइनस के दबाव बिंदु दबते हैं... और, इससे इन अंगों तक खून का प्रवाह तीव्र होने लगता है!


इस प्रकार की ताली को तब तक बजाना चाहिए जब तक कि, हथेली लाल न हो जाए!


इस प्रकार की ताली कब्ज, एसिडिटी, मूत्र, संक्रमण, खून की कमी व श्वांस लेने में तकलीफ जैसे रोगों में लाभ पहुंचाती है


2 थप्पी ताली👉 ताली में दोनों हाथों के अंगूठा-अंगूठे से कनिष्का-कनिष्का से तर्जनी-तर्जनी से यानी कि सभी अंगुलियां अपने समानांतर दूसरे हाथ की अंगुलियों पर पड़ती हो, हथेली-हथेली पर पड़ती हो.!


इस प्रकार की ताली की आवाज बहुत तेज व दूर तक जाती है!


एवं, इस प्रकार की ताली कान, आंख, कंधे, मस्तिष्क, मेरूदंड के सभी बिंदुओं पर दबाव डालती है!


इस ताली का सर्वाधिक लाभ फोल्डर एंड सोल्जर, डिप्रेशन, अनिद्रा, स्लिप डिस्क, स्पोगोलाइसिस, आंखों की कमजोरी में पहुंचता है!


एक्यूप्रेशर चिकित्सकों की राय में इस ताली को भी तब तक बजाया जाए जब तक कि हथेली लाल न हो जाए!


इस ताली से अन्य अंगों के दबाव बिंदु सक्रिय हो उठते हैं तथा, यह ताली सम्पूर्ण शरीर को सक्रिय करने में मदद करती है!


यदि इस ताली को तेज व लम्बा बजाया जाता है तो शरीर में पसीना आने लगता है ...जिससे कि, शरीर के विषैले तत्व पसीने से बाहर आकर त्वचा को स्वस्थ रखते हैं।


और तो और ताली बजाने से न सिर्फ रोगों से रक्षा होती है, बल्कि कई रोगों का इलाज भी हो जाता है!


जिस तरह कोई ताला खोलने के लिए चाबी की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह कई रोगों को दूर करने में यह ताली ना सिर्फ चाभी का ही काम नहीं करती है बल्कि, कई रोगों का ताला खोलने वाली होने से इसे ""मास्टर चाभी"" भी कहा जा सकता है।


क्योंकि हाथों से नियमित रूप से ताली बजाकर कई रोग दूर किए जा सकते हैं एवं, स्वास्थ्य की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है!


श्रीरामकृष्ण देव कहा करते थे, 'ताली बजाकर प्रातः काल और सायं काल हरिनाम भजा करो। ऐसा करने से सब पाप दूर हो जाएंगे। जैसे पेड़ के नीचे खड़े होकर ताली बजाने से पेड़ पर की सब चिड़ियां उड़ जाती हैं, वैसे ही ताली बजाकर हरिनाम लेने से देहरूपी वृक्ष से सब अविद्यारूपी चिड़ियां उड़ जाती हैं।


प्राचीन काल से मंदिरों में पूजा, आरती, भजन-कीर्तन आदि में समवेतु रूप से ताली बजाने की परंपरा रही है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने का एक अत्यंत उत्कृष्ट साधन है। चिकित्सकों का कहना है कि हमारे हाथों में एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स अधिक होते हैं। ताली बजाने के दौरान हथेलियों के एक्यूप्रेशर केंद्रों पर अच्छा दबाव पड़ता है। जिससे शरीर की अनेक बीमारियों में लाभ पहुंचता है और शरीर निरोगी बनता है, अतः ताली बजाना एक उत्कृष्ट व्यायाम है। इससे शरीर की निष्क्रियता खत्म होकर क्रियाशीलता बढ़ती है। रक्त संचार की रुकावट दूर होकर अंग ठीक तरह से कार्य करने लगते हैं। रक्त का शुद्धिकरण बढ़ जाता है और हृदय रोग, रक्त नलिकाओं में रक्त का थक्का बनना रुकता है। फेफड़ों की बीमारियां दूर होती हैं। रक्त के श्वेत रक्तकण सक्षम तथा सशक्त बनने के कारण शरीर में चुस्ती, फुर्ती तथा ताजगी का एहसास होता है। रक्त में लाल रक्तकणों की कमी दूर होकर वृद्धि होती है और स्वास्थ्य सुधरता है। अतः पूजा-कीर्तन में तालबद्ध तरीके से अपनी पूरी शक्ति से ताली बजाएं और रोगों को दूर भगाएं। इससे तन्मय होने और ध्यान लगाने में भी सुविधा होगी।


इस तरह ताली दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग है और, यदि प्रतिदिन यदि नियमित रूप स क्योंकि हाथों से नियमित रूप से ताली बजाकर कई रोग दूर किए जा सकते हैं एवं, स्वास्थ्य की समस्याओं को सुलझाया जा सकता है!


इस तरह ताली दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग है।







You Tube: 

1. Youtube:  ग्रह वाणी   
https://youtube.com/shorts/xqc6820XshI?si=3BPhBlfPj8-AJ3Bo

2. Youtube:  B I News
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